UP News: अमेरिका (America) की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ (Hindenburg Research) द्वारा गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जिसके बाद उनके समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है. इसी बीच यूपी में भी अडानी समूह को एक बड़ा झटका लगा है. राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Prepaid Smart Meter) सप्लाई से जुड़ा उनका टेंडर निरस्त कर दिया गया है. 


राज्य में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने अडानी समूह का टेंडर निरस्त कर दिया है. हालांकि बीते कुछ दिनों से राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद लगातार टेंडर निरस्त करने की मांग कर रहा था. जिसके बाद उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने टेंडर निरस्त करने की जानकारी दी है. परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि न्यूनतम निविदा दाता अडानी के उच्च दरों वाले टेंडर को निगम निरस्त किया गया है. 


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25 हजार करोड़ थी लागत
अवधेश वर्मा ने बताया कि उपभोक्ता परिषद के अनुसार न्यूनतम निविदा दाता मेसर्स अडानी की दरें, ऐस्टीमेटेड कॉस्ट छह हजार रुपये प्रति मीटर से कहीं अधिक लगभग 10 हजार रुपए प्रति मीटर थी. अगर टेंडर पास होता तो बिजली उपभोक्ताओं पर बड़ा भार पड़ सकता था. राज्य में करीब 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर टेंडर में थे. जिसकी लागत करीब 25,000 करोड़ थी. इसमें सिर्फ मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के टेंडर की लागत लगभग 5400 करोड थी.


अब उपभोक्ता परिषद को उम्मीद है कि दक्षिणांचल, पूर्वांचल और पश्चिमांचल में भी उच्च दर पर आए टेंडर को निरस्त किया जाएगा. बता दें कि अडानी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों को केवल छह कारोबारी सत्रों में संयुक्त रूप से 8.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट का सामना करना पड़ा है. अडानी एंटरप्राइजेज को 20,000 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री भी वापस लेनी पड़ी है. जबकि अडाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है.