Lakhimpur Kheri Case: पुलिस कार्रवाई की ADG जोन ने की तारीफ, बोले- कुछ ही घंटो में पकड़ लिए आरोपी
UP News: लखीमपुर खीरी मामले में पुलिस की कार्रवाई की अपर पुलिस महानिदेशक बृजभूषण शर्मा ने तारीफ की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस ने कुछ ही घंटो में आरोपी पकड़ लिए.
इस पूरी घटना को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक बृजभूषण शर्मा ने कहा पहली बात तो यह है कि जो घटना हुई है निश्चित रूप से यह बड़ी घटना थी. पुलिस ने बहुत ही तेजी और त्वरित एक्शन लेते हुए कुछ ही घंटों में सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके उनको जेल भेज दिया. अब उनके खिलाफ जितने भी फॉरेंसिक सबूत हैं उन सब को कलेक्ट किया जा रहा है, जल्द ही मजबूत सबूत कलेक्ट करते हुए चार्जशीट लगाते हुए कोर्ट में दाखिल की जाएगी. इस दौरान पैरवी करते हुए हमारा प्रयास होगा कि जल्द से जल्द उनको सजा मिले जो भी कार्यवाही संभव होगी वह कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म और अपहरण की नहीं लगाई धारा
बता दें कि लखीमपुर जनपद के निघासन में दो नाबालिग बहनों को घर से अगवा कर दुष्कर्म करने के मामले पर पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि इससे आरोपियों को बचाव में मदद भी मिल सकती है. बात करें लापरवाही की तो लखीमपुर पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म और अपहरण की धारा तक नहीं लगाई है. ऐसे ने सामूहिक दुष्कर्म (376D) का न लगाया जाना बताता है कि एक ही युवक ने दुराचार किया है. जबकि खुद लखीमपुर पुलिस के अनुसार ही दुष्कर्म करने वाले अपराधी एक से अधिक थे. इसी तरह पुलिस की कार्यशैली और जल्दबाजी कहीं उसी पर भारी न पड़ जाए.
बालिग और नाबालिग को लेकर भी शुरू हुआ विवाद
यही नहीं दो आरोपियों जुनैद और हफीजुर्रहमान के बालिग और नाबालिग होने को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है. हालांकि विवेचना के दौरान शैक्षिक योग्यता प्रमाणपत्र के जरिए यह साफ हो जाएगा. वहीं इस घटना के बाद एसपी लखीमपुर का लोगों से दुर्व्यवहार का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसने पुलिस पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. इसी तरह आरोपियों की गिरफ्तारी की टाइमिंग में समय का अंतराल होना भी कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है. इसी बीच जुनैद के पिता का आरोप की पुलिस के कहने पर उसने अपने बेटे को फोन कर खुद बुलाया था फिर उसका अनकाउंटर दिखा कर गोली क्यों मारी गई. यह सब वह सवाल हैं जो आने वाले दिनों में जब पुलिस की चार्जशीट अदालत में पेश होगी तो आरोपियों के बचाव की सीढ़ी बन सकते हैं.