धर्मांतरण मामला: दो दोस्तों का भी माइंड वॉश करने में लगा था आदित्य गुप्ता, खुद बना था इस्लामिक ट्रेनर
कानपुर का आदित्य गुप्ता खुद इस्लामिक ट्रेनर बन गया था. वो अपने दो दोस्तों का भी माइंड वॉश करने में लगा था. हालांकि इसमें वो सफल नहीं हो सका.
कानपुर. धर्मांतरण गैंग का शिकार बना आदित्य गुप्ता यानी अब्दुल खुद इस्लामिक ट्रेनर बन गया था. आदित्य के दिमाग मे पहले हिंदू धर्म के प्रति जहर भरा गया और फिर यही काम वो अपने साथ पढ़ने वाले साथियों के साथ करने लगा. आदित्य ने अपने दो दोस्तों को धर्मांतरण गैंग के इशारे पर टारगेट पर लिया था. इनमें से एक गोविंद नगर का रहने वाला था. आदित्य का दोस्त उसके लगातार संपर्क में था. आदित्य या अब्दुल उसके घर भी जाया करता था. कई घंटे दोनों पार्क में बैठकर बाते करते थे. आदित्य वीडियो कॉल के जरिए भी उसकी किसी अन्य से बात करवाता था. वो भी आदित्य की बातों से मोटिवेट होने लगा था.
डेढ़ साल पहले चला पता
आदित्य के दोस्त की मां को इसका पता करीब डेढ़ साल पहले लग गया था. मां को तब शक हुआ जब उसका बेटा कुछ दिनों से भगवान की पूजा नहीं कर रहा था. घरवालों की माने तो उनका बेटा रोज पूजा कर भगवान के सामने दिया जलाता था, लेकिन अचानक उसके इस व्यवहार ने परिजनों को परेशान कर दिया. उसकी मां ने फौरन इसकी पड़ताल शुरू की. पता चला कि उसकेके दिमाग में हिंदू धर्म के प्रति जहर भरा गया था.
उसकी मां ने इस बारे में उसकी टीचर से बात की. तब पता चला कि आदित्य उसको हिंदू धर्म के खिलाफ भड़का रहा था, वो भी किसी इस्लामिक ट्रेनर के तौर पर. उससे आदित्य यानी अब्दुल ने कहा था कि हिंदू धर्म बेकार है क्योंकि इसमें मारने के बाद शव को माचिस से जला दिया जाता है जबकि इस्लाम में आराम से शव को जमीन में बिना जलाये दफना दिया जाता है. उसकी मां की माने तो आदित्य की मां और उसको पढ़ाने वाली टीचर लक्ष्मी से उन्होंने कई बार बात कराने के बारे में कहा था, लेकिन आदित्य ने कभी बात नहीं कराई. आदित्य के मोबाइल में उन्होंने कई मौलानाओं की पिक्चर भी देखी थी. उसके घरवाले उसे समझाने में कामयाब रहे.
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