(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand: हरिद्वार में अवैध मजार को किया गया ध्वस्त, कड़ी सुरक्षा के बीच हुई कार्रवाई
Uttarakhand News: उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों के खिलाफ प्रशासन की मुहिम तेज हो गई है. हरिद्वार के राजपुर में सिंचाई विभाग की जमीन बनी अवैध मजार को ध्वस्त किया गया.
Haridwar News: उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों के खिलाफ प्रशासन की मुहिम तेज हो गई है. इस अभियान के तहत हरिद्वार जिले के बहादराबाद क्षेत्र के राजपुर गांव में सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई मजार को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया. टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडल ऋषिकेश सिंचाई विभाग की इस जमीन पर बनी मजार को एसडीएम अजयवीर सिंह के नेतृत्व में भारी सुरक्षा के बीच हटाया गया.
राजपुर में बनी यह मजार लंबे समय से विवादों में थी क्योंकि यह सरकारी जमीन पर बिना अनुमति के बनाई गई थी. यह जमीन सिंचाई विभाग की है, जहां कई वर्षों से अवैध अतिक्रमण हो रहा था. मजार के नाम पर अवैध रूप से जमीन कब्जाई गई थी, जिसके खिलाफ प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए बुलडोजर चलाया. इस कार्रवाई में एसडीएम अजयवीर सिंह के अलावा पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी भी शामिल थे.
मुख्यमंत्री धामी का सख्त संदेश
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई को समर्थन देते हुए कहा कि, सरकार अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त है और किसी भी धर्म या समुदाय के नाम पर सरकारी जमीन पर किए गए अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की नीति साफ है, चाहे किसी भी धर्म का अवैध निर्माण हो, उसे हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की पवित्रता को बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है और राज्य में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी रहेगा.
हरिद्वार के राजपुर और अन्य क्षेत्रों में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. खासकर सिंचाई विभाग, वन विभाग और टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडल ऋषिकेश की जमीनों पर अवैध रूप से कई धार्मिक ढांचे खड़े कर दिए गए हैं. प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में यह पाया गया कि इन जमीनों पर सैकड़ों की संख्या में अवैध रूप से लोगों ने कब्जा कर रखा है, जिनमें धार्मिक संरचनाओं का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन
धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 2009 और 2019 के निर्देशों का पालन करते हुए यह कार्रवाई की है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सरकारी जमीनों पर किसी भी प्रकार की नई धार्मिक संरचना नहीं बनाई जा सकती. इसी के तहत अवैध मजार को हटाया गया है. राज्य सरकार ने यह भी चेतावनी दी है कि जो लोग सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर रहे हैं, उन्हें जल्द ही खाली करना होगा, अन्यथा प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बिना किसी राजनीतिक दबाव के कार्रवाई की जाए. सरकार ने स्पष्ट किया है कि अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे और राज्य के हर हिस्से से सरकारी जमीन को कब्जामुक्त किया जाएगा.
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कानून में सख्ती के प्रावधान
धामी सरकार ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है. कैबिनेट ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है, जिसके तहत सरकारी और निजी जमीनों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ आईपीसी के तहत मामला दर्ज होगा और दोषियों को 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. हालांकि, इस कानून को लेकर कुछ प्रशासनिक बाधाएं आ रही हैं, लेकिन सरकार इसे जल्द ही लागू करने का प्रयास कर रही है.
हरिद्वार के राजपुर में अवैध मजार ध्वस्तीकरण की यह कार्रवाई राज्य में चल रहे व्यापक अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा है. मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड में सरकारी जमीन पर किए गए किसी भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे सभी निर्माणों को हटाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है.