बुलंदशहर, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दीपावली पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मावे के बजाय स्टार्च और मैदा के घोल से बन रहे मिलावटी बंगाली रसगुल्ले और गुलाब जामुन बनाने की भट्टी ( फैक्ट्री) पर छापा मारकर मिलावटी रसगुल्लों की खेप पकड़ी है। बुलंदशहर और दिल्ली एनसीआर के इलाकों में इसकी आपूर्ति की जाती थी। खाद्य विभाग की टीम ने मिलावटी रसगुल्ले बरामद कर नष्ट करा दिये। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने रसगुल्लों व दूध के कुल 3 सैंपल लिए, जिन्हें परीक्षण के लिए लैब भेजा जाएगा।
आज जब खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम इस अहाते में पहुंची, तो भारी मात्रा में रखे स्टार्च, मैदा के कट्टे और सफेद बंगाली रसगुल्ले और गुलाब जामुन की खेप देख सकते में रह गयी। अहाते में स्टार्च व मैदा से बने रसगुल्लों की कैनो से भरी ये सेंट्रो कार दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद में रसगुल्लों की सप्लाई लेकर जाने ही वाली थी कि खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने पकड़ ली और मिलावटी रसगुल्लों की खेप को फिकवाकर नष्ट कर दिया। यही नहीं इस भट्टी पर रसगुल्लों के रस और दूध में भी मक्खियां भिनभिना रही थीं।
दरअसल मेरठ के खरखोदा का रहने वाला मोहसीन पिछले कई सालों से मेरठ से बुलंदशहर आकर हर साल दीपावली पर मिलावटी रसगुल्ले का काला कारोबार करता है और मिलावटी रसगुल्ले बनाकर इन्हें बुलंदशहर गाजियाबाद नोएडा दिल्ली में सप्लाई कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करता आ रहा है। छापेमार की कार्रवाई कर खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावटी रसगुल्ले के काले कारोबार को बंद करा दिया है।
आमतौर पर रसगुल्ला छेना अर्थात मावे से बनता है मगर मोहसीन स्वीकार कर रहा है कि रसगुल्ले मावे से नहीं बल्कि दही, स्टार्च और मैदा के मिश्रण से तैयार करता है।
रसगुल्ला और दूध के तीन नमूने लिए गये हैं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। और जांच रिपोर्ट के आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल बरामद रसगुल्लों, गुलाब जामुन, बंगाली रसगुल्लों की खेप और दूषित रस व दूध को नष्ट कराया गया है। जनपद में मिलावट का धंधा चलने नहीं दिया जाएगा।