Amangarh Tiger Reserve: उत्तर प्रदेश में पहली बार अमानगढ़ टाइगर रिजर्व (Amangarh Tiger Reserve) प्रभावी फील्ड पेट्रोलिंग और पारिस्थितिक स्थिति का आकलन करने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करेगा. एटीआर को इसके लिए वल्र्ड वाइड फंड फॉर नेचर (Worldwide Fund for Nature) ने मदद उपलब्ध कराई है.  


क्या कहना है अधिकारियों का


डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के क्षेत्रीय समन्वयक डॉक्टर मुदित गुप्ता ने कहा,''एटीआर ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के पीलीभीत कार्यालय की ओर से विशेषज्ञ प्रशिक्षण के तहत एम-स्ट्राइप्स (मॉनिटरिंग सिस्टम फॉर टाइगर: इंटेंसिव प्रोटेक्शन एंड इकोलॉजिकल स्टेटस) तकनीक का उपयोग शुरू किया है. एम-स्ट्रिप्स कार्यक्रम जीपीआरएस और रिमोट सेंसिंग क्षेत्र से जानकारी एकत्र करने और डेटाबेस बनाने के लिए जीपीएस का उपयोग करके लॉन्च किया गया था.''


एटीआर के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अरुण कुमार सिंह ने बताया,डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की ओर से दिए गए समर्थन ने वन्यजीव संरक्षण की गहन रणनीतियों के अलावा पारिस्थितिक विश्लेषण के नए आयाम विकसित किए है.


डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने क्या क्या दान किया है


डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अधिकारी ने बताया कि अभी तक हमने एटीआर के पेट्रोलिंग स्टाफ को 15 एंड्रॉइड मोबाइल फोन, आठ कंपास, 12 साइकिल, 35 विंटर जैकेट और 15 मच्छरदानी मुहैया कराई है.


अमनगढ़ टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में स्थित है. यह  नौ हजाप 500 हेक्टेयर (करीब 95 वर्ग किलोमीटर) के क्षेत्र में फैला हुआ है.अमनगढ़ टाइगर रिजर्व मशहूर जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का बफर क्षेत्र है. यह एशियाई हाथियों,बाघों और कई अन्य वन्य जीवों के लिए एक गलियारे की तरह है. इसमें चीतल, सांभर, कक्कड़, तेंदुआ, भालू, साही, जंगली सूअर, सियार, जंगल बिल्ली आदि भी पाए जाते हैं. 


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