नई दिल्ली, एबीपी गंगा। अफगानिस्तान- पाकिस्तान के युद्ध के दौरान पाक में बंदी रहे कर्नल शेर मोहम्मद के बेटे ने भारत की मदद से बड़ा मुकाम पाया है। यहां भारतीय मिलिट्री अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान शेर मोहम्मद के बेटे शेरजाद सरबाज को बेस्ट कैडेट घोषित किया गया है। बता दें कि भारत हर साल मित्र देशों की सेना के कुछ भावी अधिकारियों को ट्रेनिंग देता है। इसी ट्रेनिंग का सरबाज हिस्सा थे। इस बार भारत में ऐसे 77 विदेशी कैडेट्स को ट्रेनिंग दी गई थी। सरबाज ने इन सबमें बेहतरीन प्रदर्शन किया। सरबाज को जेंटलमैन कैडेट के लिए सिल्वर मेडल से भी नवाजा गया है।
सरबाज का इस बारे में कहना है कि वे अपने पिता की बहादुरी से काफी प्रभावित हैं और हमेशा से ही सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। सरबाज के तीन भाई और दो बहन चिकित्सा के क्षेत्र में हैं।
सरबाज ने बताया कि उनके पिता को तालिबान के राज में नौकरी से हाथ धोना पड़ा और उनके परिवार ने काफी आर्थिक तंगी का सामना किया। बाद मे हामिज करजई की सरकार आने पर उनके पिता को फिर से नौकरी मिली। कर्नल शेर मोहम्मद इस वक्त 56 साल के हैं और अफगानी सेना का हिस्सा हैं।
ब्रिगेडियर सुजीत नारायण की है ट्रेनिंग
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना में ब्रिगेडियर सुजीत नारायण ने सरबाज समेत अफगानी कैडेट्स को ट्रेनिंग दी है। ब्रिगेडियर सुजीत नारायण को सेना में लंबा अनुभव है और वे काफी लंबे वक्त तक अफगानिस्तान में भी रह चुके हैं। ब्रिगेडियर सुजीत नारायण वहां दूतावास में सुरक्षा सलाहकार रहे हैं।
इस साल अफगान के 43 कैडेट्स
ब्रिगेडियर सुजीत नारायण ने बताया कि भारतीय मिलिट्री अकादमी से इस साल अफगान के 43 कैडेट्स, भूटान के 15, तजाकिस्तान के 9, फिजि से एक और पापुआ न्यू जीना से दो कैडेट्स ने सफलतापूर्वक ट्रेनिंग ली है। ये 77 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, फिजी, मॉरीशस, पपुआ न्यू गिनी, टोंगा, लेसोथो और तजाकिस्तान की सेना का अभिन्न हिस्सा बनेंगे।
देश को मिले 382 जाबांज अफसर
बता दें कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को पास आउट परेड (पीओपी) का आयोजन किया गया। जिसके बाद देश को 382 युवा जांबाज मिल गए हैं। पीओपी में मुख्य अतिथि दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन ने बतौर रिव्यूइंग अफसर परेड की सलामी ली। इस दौरान 459 जेंटलमैन कैडेट इस परेड का हिस्सा बने। बता दें कि दो साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद ये युवा भारतीय सेना में अधिकारी बनते हैं।