Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान के सैकड़ों स्टूडेंट्स नोएडा एनसीआर में पढ़ाई करने के लिए आए हुए हैं. लेकिन अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर उनका क्या कहना है, अपने देश में हो रहे उथल-पुथल को लेकर वह कितने चिंतित हैं. ये जानने के लिए एबीपी गंगा ने अफगानिस्तानी स्टूडेंट्स से खास बात की और उनसे उनका हाल जानने की कोशिश की. 


अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं मीरवाइज


एबीपी गंगा से बातचीत के दौरान अफगानिस्तानी छात्र मीरवाइज ने बताया कि, वह अपने परिवार को लेकर बेहद चिंतित है. क्योंकि जिस तरह से अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा किया है, उसको लेकर वह काफी ज्यादा चिंतित है. क्योंकि इस तरह से तालिबान ने पहले अफगानिस्तान में हिंसा फैलाई थी, उसको लेकर अभी भी लोग काफी ज्यादा खौफजदा हैं. फिलहाल अभी किसी को यह पता नहीं है कि, नई सरकार किस तरीके का कानून लाएगी, वहां के रहने वाले नागरिकों के लिए वो कानून कितना हितकारी होगा, ये कहना अभी बेहद मुश्किल है.


नये कानूनों की चिंता


फिलहाल सभी स्टूडेंट्स फोन व इंटरनेट के जरिए अपने अपने परिवार से संपर्क कर रहे हैं और उनसे उनका हालचाल ले रहे हैं. फिलहाल कुछ स्टूडेंट ऐसे भी हैं, जिनका वीजा हाल ही में समाप्त होने वाला है. ऐसे में उनकी चिंता और ज्यादा बढ़ गई है कि, नई सरकार की विदेशी नीति कैसी होगी, विदेशों में पढ़ने वाले स्टूडेंट के लिए बीजेपी की क्या पॉलिसी होगी. इसको लेकर छात्र बेहद चिंतित हैं. 


बीसीए का कोर्स कर रहे हैं मीरवाइज


आपको बता दें कि, नोएडा एनसीआर में अफगानिस्तान के सैकड़ों स्टूडेंट एजुकेशन के लिए आए हुए हैं. ऐसे ही एक स्टूडेंट मीरवाइज हैं, वे अफगानिस्तान के काबुल से आए हुए हैं और नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में बीसीए का कोर्स कर रहे हैं. उन्होंने एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान बताया कि, दिसंबर 2021 में उनका वीजा समाप्त हो जाएगा लेकिन अब उनका भी एक्सटेंशन होगा या नहीं होगा, यह कह पाना मुश्किल है. क्योंकि नई हुकूमत जब तक अपने कानूनों को पूरी तरह से लागू नहीं कर लेती तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है.


डायरेक्टर ने कहा-हम हालातों पर नजर बनाये हैं


वहीं, एबीपी गंगा से बातचीत के दौरान शारदा विश्वविद्यालय की मीडिया कम्युनिकेशन डायरेक्टर डॉ अजीत कुमार ने बताया कि, उनके विश्वविद्यालय में करीब 172 अफगानिस्तानी स्टूडेंट मौजूदा वक्त में पढ़ रहे हैं. लेकिन जब उन्हें अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की जानकारी मिली तो उन्होंने सभी स्टूडेंट से संपर्क साधा उन्हें हर सुविधा मुहैया कराने का आश्वासन दिया. साथ ही विदेश मंत्रालय से भी पत्राचार और दूरभाष के जरिए छात्रों की समस्या से अवगत कराया.


साथ ही बच्चों को अपने परिवार से बात करने में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए इंटरनेट सुबह से लेकर इंटरनेशनल कॉल की सुविधा विश्वविद्यालय ने उपलब्ध करा रखी है. बाकी बच्चों के कम्युनिकेशन में कोई कमी ना आ सके फिलहाल सभी छात्र पूरी तरह से सुरक्षित हैं और अपने आप को कंफर्ट महसूस कर रहे हैं.


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