Afghanistan Crisis: तालिबान को लेकर चिंतित है देहरादून में अफगानिस्तान का शाही परिवार
Afghanistan Crisis: देहरादून के राजपुर में रह रही अफगान बादशाह की चौथी पीढ़ी के सदस्य अपनों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
Afghanistan Taliban Crisis: अफगानिस्तान आज अपने अंदरूनी हालातों की वजह से पूरी दुनिया में चर्चा में है. कैसे एक वैधानिक सरकार को परास्त कर कट्टरपंथी तालिबान ने पूरे मुल्क पर अपना कब्ज़ा कर लिया है. हर जगह इसी बात का जिक्र है, कैसे एक मुल्क तबाह होने की ओर है. देहरादून भी इससे अछूता नहीं है. अफगानिस्तान में दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हालात के बीच देहरादून में रह रहे अफगानी भी चिंतित हैं. वहां से अपनी जान बचाने के लिए लोग भाग रहे हैं और यहां रह रहे अफगानी अपने मुल्क के साथ ही वहां रह रहे महिलाओं और बच्चों को लेकर परेशान हैं.
देहरादून के राजपुर में रह रही अफगान बादशाह की चौथी पीढ़ी के सदस्य भी अपनों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. अफगानिस्तान से आकर देहरादून में रहने वाले अफगान बादशाह दोस्त मोहम्मद की चौथी पीढ़ी के सदस्य सरदार मोहम्मद अली खान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और मदद की गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि काबुल सहित समूचे अफगानिस्तान से महिलाओं और बच्चों पर जुल्म की खबरें आ रही हैं. अली खान ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों पर चर्चा करते हुए कहा कि अब चीन पाकिस्तान का साथ दे रहा है इस कारण इस बार की स्थिति 90 के दशक के मुकाबले ज्यादा जटिल हो चुकी है. उनके मुताबिक वह इस निराशा भरे माहौल में इतनी उम्मीद करते हैं कि दुनिया के संपर्क में आने के बाद पहली बार इस बार ओसामा बिन लादेन की पनाह देने वाली जैसी गलती नहीं करेगा.
उन्होंने बताया कि दूसरे अफगान युद्ध के बाद उनका परिवार 1976 में फिर देहरादून लौट आया. खान के वंशज मोहम्मद अली खान बताते हैं कि इस दौरान बादशाह के साथ ही सबसे पहले अफगानी बासमती देहरादून पहुंची और फिर देहरादून की मिट्टी में रच बस कर देहरादून की होकर रह गयी. देहरादून और मसूरी में बाला हिसार एस्टेट बादशाह परिवार का ही है. देहरादून में सर्वे चौक के पास की जमीन भी एक वक्त बादशाह परिवार के नाम ही थी.
भारत सरकार पूरे घटनाक्रम पर पैनी निगाह रखे हुए है- CM धामी
उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अली खान को भरोसा दिलाया है कि भारत सरकार अफगानियों की पूरी मदद कर रही है और अफगानिस्तान से भारत का गहरा रिश्ता भी रहा है, वहां पर संसद भवन का निर्माण, फ्रेंडशिप डैम का निर्माण समेत तमाम ऐसी परियोजनाएं है जिनमे भारत की हिस्सेदारी है. इसलिए भारत सरकार पूरे घटनाक्रम पर पैनी निगाह रखे हुए है.
यह भी पढ़ें-