तालिबान को AIMPLB के सदस्य सज्जाद नोमानी ने दी बधाई, कहा- हिंदी मुसलमान आपको सैल्यूट करता है
Afghanistan Taliban Crisis: बर्बर तालिबान को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य सज्जाद नोमानी ने बधाई दी. उन्होंने कहा कि हिंदी मुसलमान सलाम करता है.
AIMPLB on Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पूरी दुनिया को चिंता है. पूरी दुनिया का मानना है कि इससे आने वाले दिनों में आतंकवाद में इज़ाफ़ा हो सकता है. लेकिन इसके बावजूद भारत में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो तालिबान की जीत पर ख़ुशी मना रहे हैं. भारतीय मुसलमानों के बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी ने तालिबान को जीत की मुबारकबाद दी है. इतना ही नहीं नोमानी ने तालिबान को सलाम भी किया है.
इससे पहले यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क तालिबान की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों से कर चुके हैं. बर्क के इस बयान पर अब यूपी पुलिस ने उनके ख़िलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया है.
नोमानी ने तालिबान के पक्ष में बयान जारी किया है
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी ने तालिबान को लेकर कहा कि हिंदी मुसलमान आपको सैल्यूट करता है. नोमानी ने तालिबान के पक्ष में बयान जारी किया है.
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं. तालिबान आज अफगानिस्तान में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकता है. मुल्ला बरादर दोहा से कंधार पहुंच गया है. बरादर ही अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति हो सकता है. तालिबान चीफ हैबतुल्लाह अखुंदजादा भी जल्द ही अफगानिस्तान में दिखाई दे सकता है.
हैबतुल्लाह के किसी भी वक्त कंधार पहुंचने की संभावना है. वैसे तो हैबातुल्लाह अखुंदजादा तालिबान का सर्वेसर्वा है लेकिन बरादार उसके राजनीतिक प्रमुख और सबसे अधिक जाना-पहचाना चेहरा है. मुल्ला उमर से संबद्ध बरादार को सबसे सक्रिय रणनीतिकार माना जाता है.
तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है
इस बीच तालिबान, पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और बातचीत परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित अफगान सरकार के कई अधिकारियों से बातचीत जारी है. बातचीत की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि वार्ता इस बात पर केंद्रित है कि तालिबान के प्रभुत्व वाली सरकार कैसे गत 20 साल के बदलावों के साथ चले, बजाय कौन सा मंत्रालय किसे दिया जाए. राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले ही देश छोड़ चुके हैं.
मालूम हो कि दो दशक तक चले युद्ध के बाद अमेरिका के सैनिकों की पूर्ण वापसी से दो सप्ताह पहले तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. जिसके बाद से पूरे अफगानिस्तान में अफरातफरी का माहौल है. सभी देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के प्रयास कर रहे हैं. वहीं अफगान नागरिक भी अपने भविष्य को चिंतित हैं और वे भी किसी दूसरे देश में शरण लेना चाहते हैं.
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