रायबरेली, डॉ. पंकज सिंह। लॉकडाउन के लगभग 40 दिन बाद मयखाने खुले तो, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। इसके बावजूद शराब की दुकानों पर खरीददारों की भीड़ देखने को मिली।  दुकान खुलने से पहले ही  लोग लाइन लगाकर दुकानों के सामने खड़े नजर आए। सभी बेसब्री से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। दरअसल, सोशल डिस्टेंसिंग  के साथ अन्य शर्तों को लागू करके शराब की दुकानों को सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खोलने का आदेश दिया जा चुका है।


शर्तों के साथ खोली गई शराब की दुकानें

रायबरेली में जो एकल दुकानें हैं, उन्हें खोलने के लिए जिलाधिकारी ने आदेश तो दे दिया है, लेकिन अपने आदेश में शर्तों को भी उल्लिखित किया है। आदेश में कहा गया है कि दुकानें सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक ही खुलेंगी और इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जाएगा।  इतना ही नहीं, हर 2 घंटे में दुकान की दीवारें व खिड़कियां सैनिटाइज करने का भी आदेश प्रशासन ने अनुज्ञापियों को दिया है।सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, कहीं किसी तरह की कोई समस्या पैदा ना हो, इसके लिए स्थानीय पुलिसकर्मियों को भी दुकान पर तैनात किया गया है।



बता दें कि रायबरेली में कुल 44 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं,  जिसमें दो जमातियों को सही होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया  है। वहीं, तीन मई को डॉक्टर डी एस चंदेल  के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिलते ही पूरे जनपद में हड़कंप मच गया।  पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में उन्हें और उनके परिजनों को क्वारंटाइन कराया गया है।


इस घटना के  बाद रायबरेली के लोगों को शराब की दुकानें खुलने का कम अंंदेशा था। प्रशासन ने काफी समय गुजारने के बाद निर्णय लिया कि शराब की दुकानें खुलेंगी, लेकिन शर्तों के साथ। शराब की दुकानें खोली गईं, वहां कोई अनहोनी घटना न घटे, इसलिए वहां पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद कर दी गई।


 कहीं- कहीं अनुशासित व संयमित दिखे शराब के खरीददार

शराब की दुकानों के सामने लोग लाइनों में खड़े रहे। कहीं-कहीं पर लाइनों में खड़े खरीददार बड़े अदब व संयम के साथ अपनी बारी का इंतजार करते दिखे, उस समय उनसे ज्यादा अनुशासित व संयमित कोई दिख नहीं रहा था। शराब की दुकानों के सामने गोले बनाए गए, जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन लोग करें, लेकिन उसके बावजूद भी क्षेत्र का चौकी इंचार्ज, अपने साथी पुलिसकर्मियों के साथ पेट्रोलिंग करते रहें। प्रत्येक दुकान के सामने सिपाही की ड्यूटी भी लगाई गई । 40 दिन बाद शराब की दुकानें खुली, तो लोग अपने घरों से ऐसे निकले मानो शराब फ्री में बंट रही हो। कुछ खरीददार तो इस अंदेशा के साथ बैग व झोला लिए शराब की दुकानों पर पहुंचे कि स्टाक एक बार में ही खरीद लिया जाए।  कहीं ऐसा ना हो फिर कोई आदेश शराब की दुकानों को बंद करने का आ जाए ।


कई बोतलें खरीदते दिखे लोग

लॉकडाउन में काफी महंगी शराब बिकने के चर्चे भी सुनाई पड़े थे, जिसको देखते हुए जब शराब की दुकानें खुलने का आदेश आया, तो लोग ज्यादा से ज्यादा शराब की बोतलें खरीदते दिखाई पड़े।




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