Lucknow: लखनऊ में यजदान बिल्डर का अपार्टमेंट गिरने के बाद क्या तलाश रहा प्राधिकरण? इस काम में आई तेजी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यजदान बिल्डर का एक अपार्टमेंट पिछले दिनों गिर गया. जांच में पता चला कि बगैर नक्शा पास कराए बना था. लखनऊ विकास प्राधिकरण अब जांच के लिए उसके और बिल्डिंग्स तलाश रहा है.
Lucknow News : वजीर हसन रोड स्थित यजदान बिल्डर (Yazdan Builders) का अपार्टमेंट गिरने के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने अब लखनऊ में यजदान बिल्डर के जो अन्य अपार्टमेंट हैं उन्हें तलाशने का काम तेजी से शुरू कर दिया है. एलडीए के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अब तक यजदान के 5 से 6 नक्शों के आवेदन मिल चुके हैं. इसमें 2 से 3 पास हैं जबकि इतने ही निरस्त हैं. अब एलडीए इनसे जुड़े अन्य दस्तावेज खंगालने में लगा है.
12 साल पहले बिल्डिंग गिराने के आदेश के बाद भी नहीं गिराई
यजदान बिल्डर से जुड़े बाकी दस्तावेज मिलने पर ये देख जाएगा कि जिन नक्शों को निरस्त किया था, उन जगहों पर कोई भवन बना तो नही दिया गया. क्योंकि अलाया अपार्टमेंट के गिरने के बाद भी ऐसा ही सामने आया है कि इस भवन का नक्शा 2010 में निरस्त होने के बाद उसी साल इस बिल्डिंग को गिराने के आदेश हो गए थे, लेकिन बिल्डिंग गिराई नही गई.
यजदान बिल्डर के ऐसे और भी अवैध निर्माण होने का शक
हो सकता है कि यजदान बिल्डर के ऐसे और भी अवैध निर्माण हो. दूसरा ये देख जाएगा कि जो नक्शे पास हैं वहां उसी के अनुसार निर्माण हुआ या नक्शे से अलग और मानक से हल्का निर्माण कार्य हुआ. मालूम हो कि अलाया अपार्टमेंट गिरने में अगले ही दिन मंडलायुक्त रौशन जैकब ने निर्देश दिए थे कि यजदान बिल्डर के लखनऊ में अन्य भवन चिन्हित कर अवैध निर्माण तत्काल ध्वस्त किए जाएं.
एलडीए का भ्रष्टाचार और यजदान बिल्डर से सांठगांठ हुआ उजागर
बहरहाल, इस पूरे मामले ने एलडीए के भ्रष्टाचार के साथ ही यजदान बिल्डर से उसकी सांठगांठ भी उजागर कर दी है. एलडीए ने मार्च 2022 में यजदान बिल्डर के ही प्राग नारायण रोड स्थित 6 मंजिला अपार्टमेंट पर बुलडोजर चलाना शुरू किया था. इस बिल्डिंग को नजूल की जमीन पर बिना नक्शा पास कराए गए अवैध रूप से बनाया गया था.
बिना नक्शा पास कराए बना था अपार्टमेंट
अब वजीर हसन रोड पर यजदान बिल्डर का जो अपार्टमेंट गिरा वो भी बिना नक्शा पास कराए बनाया गया था. इतना ही नहीं उस बिल्डिंग को गिराने का आदेश भी 2010 में ही हो गया था लेकिन एलडीए उसकी फाइल दबाकर बैठ गया. अब सवाल उठता है कि एलडीए आखिर क्यों यजदान बिल्डर पर इतना मेहरबान है ? दोनों मल्टी स्टोरी बिल्डिंग रातों रात नही बन गई थी बल्कि कई महीनों में तैयार हुई. एलडीए के अधिकारियों की शह के बिना ये संभव नहीं है.
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