Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में चुनावी नतीजे आने के बाद से आम आदमी पार्टी पूरी तरह से निष्क्रिय है. पार्टी का एक भी कार्यकर्ता या नेता ना तो प्रदेश कार्यालय में नजर आया और ना ही कोई कार्यक्रम आयोजित हुआ. लेकिन अब आप की सक्रियता बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि आप को अब लगने लगा है कि आगामी चुनावों से पहले पार्टी संगठन को फिर से खड़ा करना होगा, इसलिए अब सबसे पहले आम आदमी पार्टी में चुनावों की हार की समीक्षा का दौर शुरू होने जा रहा है.
उत्तराखंड में हार की समीक्षा करेगी आप
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में आप को ऐसी करारी हार की कतई उम्मीद नहीं थी, कि जनता उन्हें पूरी तरह से नकार देगी. चुनाव से पहले आप ने जिस जोश के साथ उत्तराखंड में शुरुआत की थी. उसी निष्क्रियता के साथ चुनाव के बाद आप का संगठन धड़ाम हो गया. चुनाव में हार के बाद पार्टी का एक भी कार्यकर्ता सक्रिय नजर नहीं आया. लेकिन अब आम आदमी पार्टी अपने सगंठन को एक बार फिर से खड़ा करने की कोशिश में जुट गई, जिसकी शुरुआत हार की समीक्षा से होगी. देर से ही सही लेकिन आप को अब लगने लगा है कि आगामी चुनावों से पहले संगठन को मजबूत करना होगा. आप नेता कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि समीक्षा हार और जीत दोनों की होनी चाहिए लेकिन आप की जैसी हार हुई है उसकी समीक्षा होना जरूरी है.
एक महीने बाद खुली नेताओं की नींद
उत्तराखंड में चुनाव परिणाम आए 1 महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया है. जब कहीं जाकर पार्टी के नेताओं की नींद खुली है. वहीं दूसरी तरफ हार की जिम्मेदारी ना लेने पर भी आम आदमी पार्टी के अंदर सवाल खड़े होने लगे हैं. कई नेताओं ने कर्नल अजय कोठियाल पर भी सवाल उठा रहे हैं क्योंकि आप ने उन्हें के चेहरे पर चुनाव लड़ा था. ये बात अलग है कि कर्नल कोठियाल पहले ही एबीपी गंगा पर हार की जिम्मेदारी ले चुके हैं. उन्होंने कहा था कि आप ने मेरे चेहरे पर चुनाव लड़ा था इसलिए मैं हार की जिम्मेदारी लेता हूं.
विधानसभा चुनाव में मिली है बुरी शिकस्त
उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में आप को करीब 3 फीसदी वोट मिले हैं. बसपा के बाद उत्तराखंड में आप वोट परसेंटेज के हिसाब से चौथे नंबर की पार्टी बनी है. लेकिन एक भी विधानसभा सीट ना आने से पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. हालांकि हार के बाद निक्रिय हुए संगठन को फिर से सक्रिय करने की कवायद शुरू हो गई है.
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