UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद अब सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा? क्या एक बार फिर बीजेपी किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाएगी. क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को योगी 2 में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है और बीजेपी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर काम करती है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि एमएलसी चुनाव के बाद बीजेपी संगठन में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं.
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए यूपी के सियासी गलियारों में कई नाम चर्चा में है. खासतौर से दो ऐसे नाम हैं जिन्हें इस बार योगी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली हैं, उनकी सबसे ज्यादा चर्चा है. इनमें एक हैं उत्तर प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, दिनेश शर्मा को योगी टू में जगह नहीं मिली है और दूसरे हैं योगी वन में ऊर्जा मंत्री रहे और मथुरा से इस बार रिकार्ड 1 लाख 9 हज़ार वोटों से जीत हासिल करने वाले श्रीकांत शर्मा. वह भी इस बार योगी मंत्रिमंडल में जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं.
रेस में ये नाम सबसे आगे
माना जा रहा है की बीजेपी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जो रणनीति अपनाई थी यानी ब्राम्हण प्रदेश अध्यक्ष की वह एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी दोहरा सकती है. 14 लोक सभा चुनाव के दौरान प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई और तब बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव जो हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय और उस वक्त भी बीजेपी को 64 सीट पर जीत हासिल हुई थी.
अब बीजेपी के सामने 2024 की चुनौती है इसीलिए चर्चा इसी बात की है कि एक बार फिर बीजेपी किसी ब्राह्मण नेता को यूपी में पार्टी की कमान सौंप सकती है. हालांकि कुछ और भी नाम इस रेस में शामिल हैं, इनमें एक नाम है कन्नौज के सांसद और काशी क्षेत्र के प्रभारी सुब्रत पाठक का सुब्रत पाठक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं तो वहीं बस्ती से दूसरी बार जीत कर लोकसभा पहुंचने वाले हरीश द्विवेदी का नाम भी चर्चा में है. हरि द्विवेदी राष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा हैं और बिहार के प्रभारी भी हैं.
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