लखनऊ, शैलेष अरोड़ा। राजधानी लखनऊ के SGPGI ने कोविड के लैब टेस्ट की ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे सिर्फ 30 मिनट में ही कोविड-19 का टेस्ट हो सकेगा. अभी तक कोविड-19 के टेस्ट में करीब 3 घंटे लगते हैं, लेकिन इस नई तकनीक के बाद ये टेस्ट 30 मिनट में ही पूरा हो सकेगा. इतना ही नहीं, तकनीक विकसित करने वाली टीम के अनुसार इससे लैब टेस्ट की कीमत भी 8 से 9 गुना तक कम होगी.


दो से ढाई महीने में शुरू हो सकता है इस्तेमाल
SGPGI के मॉलिक्यूलर मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने पहली रैपिड RNA बेस्ड टेस्ट की तकनीक विकसित की है. ये अब तक कि सबसे तेज तकनीक बताई जा रही है. इस तकनीक को विभाग की अध्यक्ष प्रो. स्वास्ति तिवारी और उनकी टीम ने तैयार किया है. प्रो. स्वास्ति ने बताया कि आगामी हफ्ते में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए कंपनियों के सामने इस तकनीक को लाया जाएगा. जिन कंपनी के साथ सहमति बनेगी उनको ये तकनीक ट्रांसफर कर दी जाएगी. इसके बाद ICMR का अप्रूवल लिया जाएगा. फिर ICMR जहां टेस्ट हो रहे हैं वहां इसकी किट भेजेगा. उम्मीद है कि दो से ढाई महीने में इसका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा.


4 हजार वाला टेस्ट 500 से भी कम में होने की उम्मीद
प्रो. स्वास्ति ने बताया कि यह तकनीक सिंगल ट्यूब लैब टेस्ट है जो लैबोरेट्री में 30 मिनट से भी कम का समय लेता है. इसमें सिर्फ समय की ही बचत नहीं होगी, बल्कि तकनीक सरल होने के साथ ही कम खर्चीली भी है. जिस लैब टेस्ट में अभी चार से साढ़े चार हजार तक खर्च आता है. नई तकनीक में 500 रुपये से कम आने की उम्मीद है.


'मास स्क्रीनिंग में मददगार होगी नई तकनीक'
ये तकनीक मास स्क्रीनिंग में भी बहुत मददगार साबित होगी. प्रोफेसर स्वास्ति तिवारी ने बताया कि हॉस्पिटल, एयरपोर्ट समेत अन्य जगह होल्डिंग एरिया में स्क्रीनिंग के लिए भी ये तकनीक बहुत फायदेमंद होगी. ये इतनी सरल है कि कहीं पर मोबाइल यूनिट वैन लगाकर टेस्ट किये जा सकते हैं.


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