UP Coronavirus: डेढ़ साल बाद कोरोना मुक्त हुआ गोरखपुर, बस्ती के हसनैन अली की बीआरडी में हुई थी पहली मौत
Gorakhpur Coronavirus: यूपी का गोरखपुर (Gorakhpur) जिला अब पूरी तरह से कोरोना (Corona) मुक्त हो गया है. सोमवार को गोरखपुर में एक्टिव केस के शून्य हो गए हैं.
Gorakhpur Become Corona Free: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का गोरखपुर (Gorakhpur) जिला अब उन शहरों में शामिल हो गया है, जो पूरी तरह से कोरोना मुक्त (Corona Free) हो गए हैं. डेढ़ साल बाद गोरखपुर को कोरोना महामारी से मुक्ति मिली है. सोमवार को गोरखपुर में एक्टिव केसों की संख्या शून्य हो गई है. गोरखपुर में कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में आने से पहली मौत बस्ती (Basti) जिले के रहने वाले हसनैन अली (Hasnain Ali) की हुई थी. हालांकि, गोरखपुर जिले का पहला केस बाबू लाल (Babu Lal) था. उसकी भी लंबे इलाज के बाद मौत हो गई थी.
कोरोना मुक्त हुआ गोरखपुर
यूपी का गोरखपुर जिला अब पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गया है. सोमवार को गोरखपुर में एक्टिव केस शून्य हो गए हैं. हालांकि रविवार तक 7 पॉजिटिव केस जिले में रहे हैं. लेकिन, अभी बाहर से इलाज कराने आने वाले 6 पॉजिटिव केस बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं. ये गोरखपुर वासियों के लिए खुशी की खबर है.
पहली मौत हसनैन अली की हुई थी
गौरतलब है कि, 29 मार्च 2020 को गोरखपुर में कोरोना संक्रमण का पहला केस बस्ती जिले के हसनैन अली का आया था. हसन अली जब बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुआ तो उसकी हालत काफी गंभीर थी. आरटीपीसीआर जांच के लिए उसके सैंपल को किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ भेजा गया. हालांकि, हसनैन अली की अगले दिन यानी 30 मार्च को मौत हो गई थी. हसनैन अली की मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया था.
बाबूलाल के नाम दर्ज है पहला केस
गोरखपुर जिले के पहले केस के रूप में बाबूलाल का नाम दर्ज है. 24 अप्रैल को बाबू लाल पॉजिटिव पाए गए थे. लंबे इलाज के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बाबू लाल की भी मौत हो गई थी. इसके बाद कोरोना की पहली लहर में पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ने लगी और आंकड़ा दर्जनों के बाद सैकड़ों की संख्या में पहुंच गया. लगातार पॉजिटिव केस बढ़ते गए और पहली लहर में मौतें भी लगातार होने लगी, जिससे लोग दहशत में आ गए.
ये हैं आंकड़े
नवंबर 2020 से पॉजिटिव केसों के आने का सिलसिला कम तो हुआ, लेकिन ये संख्या शून्य नहीं हुई. आखिरकार मार्च 2021 में जब दूसरी लहर में डेल्टा और डेल्टा प्लस वायरस ने कहर बरपाया तो पॉजिटिव केस के साथ ताबड़तोड़ हो रही मौतों ने लोगों के दहशत में डाल दिया. एक बार फिर लोग घरों में कैद हो गए और लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू भी लगाना पड़ा. जुलाई 2021 से पॉजिटिव केसों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगी और आखिरकार ये संख्या 4 अक्टूबर यानी सोमवार के दिन शून्य हो गई. हालांकि, इस बीच 849 लोगों की पहली और दूसरी लहर में मौत हो गई. कुल 59,418 लोग अब तक पॉजिटिव पाए गए. वहीं, 58,569 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हुए.
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