उन्नाव. कोरोना महामारी के दौर में सरकारी अधिकारी किस तरह भ्रष्टाचार कर रहे हैं, इसकी बानगी यूपी में देखने को मिल रही है. सोनभद्र के बाद अब उन्नाव में भी ऑक्सीमीटर घोटाला सामने आया है. यहां अधिकारियों ने ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर में शासन की तरफ से तय रेट 2800 रुपये से लगभग तीन गुना तक खरीद को भी अनदेखा कर दिया. यही नहीं बीघापुर ब्लॉक में प्रधानों के डिजिटल सिग्नेचर से फर्म को ऑनलाइन 8900 रुपए के हिसाब से भुगतान कर दिया गया. ये हाल तब रहा जब जिला अधिकारी (डीएम) ने सख्ती भी दिखाई थी.


जांच के आदेश
वहीं, मामला सामने आने के बाद अब जिम्मेदार अधिकारी खुद को फंसता देख मैनेज करने का प्रबंध करने में जुट गए हैं. सीडीओ ने मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद कारवाई की बात कही है.


अपर मुख्य सचिव ने दिए थे उपकरों की खरीद के आदेश
बता दें कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के चलते अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 23 जून को प्रदेश के सभी डीएम व सीडीओ को ग्राम पंचायतों में जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर खरीदने के निर्देश दिए थे. दोनों उपकरणों कि खरीद के लिए 2800 रुपए खर्च के निर्देश दिए गए. अपर मुख्य सचिव के पत्र में यह भी जिक्र है कि बाजार में 2800 रुपए में दोनों उपकरणों की उपलब्धता है. जिसके बाद जिले की सभी 1043 ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर व इन्फ्रारेड थर्मामीटर की खरीद जुलाई में की गई.


एक ही कंपनी से लिए गए उपकरण
उपकरणों को ग्राम पंचायतवार बनाई गई निगरानी समितियों के अहम सदस्य आशा बहू को सौंपा जाना था. जिले में यह कवायद की गई, लेकिन यहां भी निलंबित किए गए दो जिलों के डीपीआरओ की तरह ही खरीद को मनमर्जी रूप दिया गया। हालात यह रहे कि मियांगज ब्लॉक, नवाबगंज ब्लॉक, गंजमुरादाबाद ब्लॉक, बीघापुर ब्लॉक, हसनगंज ब्लॉक में पल्स ऑक्सीमीटर व इन्फ्रारेड थर्मामीटर उपकरणों की खरीद केंद्रीयकृत की गई. यानि की एक ही फर्म से खरीदारी कराई गई है. जिसका भुगतान ग्राम पंचायत निधि के खाते हुआ है.


वहीं, अब उपकरणों की खरीद में गड़बड़झाला सामने आने के बाद विभाग में अफरा-तफरी मच गई है. अधिकारी अब ग्राम प्रधान व सप्लाई करने वाली फर्म से 2800 रुपए के बिल इकट्ठा करने में जुट गए हैं. मामले में सीडीओ राजेश प्रजापति ने माना है कि शासन से 2800 रुपए में पल्स ऑक्सीमीटर व इन्फ्रारेड थर्मामीटर खरीद के निर्देश है. आदेश के क्रम में ही खरीददारी के निर्देश दिए गए हैं. खरीद की जांच कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.


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