Free Ration Scheme In UP: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) में मुफ्त राशन का डबल डोज़ बड़ा चुनावी मुद्दा बना था. माना ये जा रहा है कि फ्री के राशन ने बीजेपी (BJP) के पक्ष में बंपर वोटिंग कराई थी और योगी (CM Yogi Adityanath) को दोबारा सत्ता दिलाने में ये सबसे बड़ा फैक्टर बना था. हालांकि प्रयागराज में इस महीने तेल, चना और नमक का वितरण ना होने से लोगों के बीच कई सवाल तैर गए. 


चर्चा इस बात की है कि इन सामानों की कीमतें आसमान छूने के बाद सप्लाई एजेंसी ने पुराने रेट पर सामान मुहैया कराने से इनकार कर दिया. हालांकि सरकारी अधिकारी इसकी वजह कुछ और बता रहे हैं. सरकारी अधिकारी के मुताबिक वितरण पर ब्रेक नहीं लगा है और जल्द ही वितरण शुरू होगा.


क्यों नहीं मिला तेल, नमक और चना?


सरकारी दुकानों तक तेल, नमक और चने की सप्लाई (UP Government Free Ration) ही नहीं हुई. ऐसे में लोग महीने भर इंतज़ार करते और कोटेदार के चक्कर लगाते ही रह गए. अप्रैल में तेल-नमक और चना मिला ही नहीं, लेकिन मई के महीने में सरकार मेहरबान होगी या फिर ये महीना भी खाली ही जाएगा, फिलहाल इसका जवाब किसी के पास नहीं है. वैसे तेल, नमक और चना नहीं मिलने की वजह महंगाई की मार हो या कोई और एक बात तो साफ है कि अकेले संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में ही दस लाख से ज़्यादा कार्डधारकों को मायूसी का सामना करना पड़ा है.


वैसे ज्यादातर कार्डधारकों को इस बात का यकीन है कि मोदी और योगी की सरकारें उनके भरोसे को नहीं तोड़ेंगी. हालांकि दबी जुबान में ये भी कहा जा लगा है कि कहीं चुनाव खत्म होते ही सरकार अपने वादे भूल तो नहीं गई.


UP Power Crisis: सीएम योगी आदित्यनाथ के बिजली बिल वाले बयान पर अखिलेश यादव बोले- वादा तो फ्री बिजली का था लेकिन...


गरीब कार्डधारक हो रहे परेशान


सरकार और एजेंसी की खींचतान में गरीब कार्डधारक परेशान हो रहे हैं. कई बार तो उनकी कोटेदारों से बहस तक हो जाती है. प्रयागराज के राजापुर इलाके में सरकारी राशन की दुकान चलाने वाले वसीम अहमद का पूरा दिन लोगों को समझाने और शांत कराने में ही बीत जाता है.हालांकि कई लोग इसके लिए उन नौकरशाहों को भी जिम्मेदारी बता रहे हैं जिन्होंने मुफ्त राशन देने पर देश के हालात श्रीलंका जैसे होने की आशंका जताई थी. 


मुफ्त राशन पर शुरू हुई सियासत


प्रयागराज में 10 लाख 61 हजार 38 ऐसे कार्डधारक हैं, जो इस योजना के लाभ के दायरे में आते हैं. इनमें 88 हजार 106 अंत्योदय कार्डधारक हैं, जबकि बाकी 9 लाख 72 हज़ार 932 गृहस्थी यानी सामान्य कार्ड धारक. ये कार्डधारक पूरे महीने कोटेदारों के चक्कर ही काटते रह गए. वैसे ये मामला अकेले प्रयागराज का नहीं, बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश का है.


अप्रैल महीने में यूपी में कहीं भी खाद्य तेल-नमक और चने का वितरण नहीं हुआ. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि कहीं चुनाव के साथ ही मुफ्त अनाज की योजना धीरे-धीरे ख़त्म तो नहीं हो जाएगी. वैसे इस मुद्दे पर जमकर सियासत भी हो रही है. सियासत अपनी जगह है. 


फूड सप्लाई के एडिशनल कमिश्नर ने दी यह जानकारी
वहीं एडिशनल कमिश्नर फूड सप्लाई के मुताबिक यूपी में 2 योजनाओं में मुफ्त राशन का वितरण होता है. पहला है एनएफएसए नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट जिसमें तहत सारा खाद्यान्न केंद्र सरकार मुहैया कराती है लेकिन उसका पैसा राज्य सरकार देती है.  इसी योजना में तेल नमक और चना दाल दिया जाता है लेकिन अप्रैल महीने में जब नया टेंडर हुआ तो नेफेड ने टेंडर में 135रुपये से बढ़ाकर दाम एक्सो 165 रुपये कर दिया. उसके बाद रिटेंडरिंग हुई और दाम और बढ़ गया जिसके बाद फिर नेफेड को फिर पहले वाले रेट में  165 रुपये के रेट पर ही टेंडर अलॉट हुआ है.  अब 28 अप्रैल से इसका वितरण भी शुरू कर दिया गया है .


उन्होंने कहा कि इसीलिए जब 5 अप्रैल से राशन बटा तब तेल चना और नमक नहीं बांटा गया. अब इसे पीएमजेकेवाई योजना के तहत बांटा जा रहा है. जिसका वितरण 28 अप्रैल से शुरू हुआ है और 12 मई तक यह वितरण चलेगा. जिसमें अप्रैल महीने का बचा हुआ तेल नमक का चना दाल कार्ड धारकों को दिया जाएगा.


जरूरत पड़ी तो वितरण का तीसरा चरण भी होगा शुरू
उन्होंने बताया कि  इसके अलावा जो दूसरी योजना है वह है पीएमजेकेवाई योजना प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना इसके तहत गेहूं और चावल का वितरण किया जाता है. इसमें प्रत्येक परिवार को 5 किलो यूनिट के हिसाब से राशन दिया जाता है जबकि एनएफएसए के तहत अधिकतम 35 किलो तक राशन दिया जाता है.


एडिशनल फ़ूड कॉमिशनर के मुताबिक मुताबिक 12 मई तक सभी के हिस्से का अप्रैल महीने का तेल नमक बचा है वह वितरित होने के बाद मई महीने का वितरण 20 मई के बाद शुरू होगा. अगर जरूरत हुई तो फिर वितरण के लिए तीसरा चरण भी शुरू किया जाएगा.


ये भी पढ़ें- 


Chandauli News: गैंगस्टर के घर दबिश देने गई पुलिस, पिटाई के बाद बेटी की मौत! SHO सस्पेंड, FIR के आदेश


Noida में फिर बढ़ने लगे कोरोना केस, 31 मई तक लागू की गई धारा 144, जानें क्या कहते हैं आंकड़े