(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रजापति की फिर बिगड़ी तबीयत, केजीएमयू में कराया गया भर्ती
गैंगरेप के मामले में 17 मार्च 2017 को गिरफ्तार हुए गायत्री प्रसाद प्रजापति को जेल गए 3 साल होने को हैं, लेकिन इन 3 सालों में गायत्री का ज्यादातर वक्त इलाज के नाम पर केजीएमयू के वार्ड में रहकर ही बीता है।
लखनऊ, संतोष शर्मा। दुष्कर्म के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति एक बार फिर बीमार हो गए हैं। कोर्ट के आदेश पर जेल प्रशासन ने उन्हें केजीएमयू में भर्ती कराया है। सीएमओ की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड उनकी जांच करेगा। गायत्री के बार-बार बीमार होकर केजीएमयू पहुंचने के पीछे जेल प्रशासन से भी सवाल किए गए तो अधिकारियों ने हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला देकर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।
दरअसल, गायत्री प्रसाद प्रजापति ने बीमारी का इलाज कराने के लिए अल्पावधि जमानत की अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए केजीएमयू में भर्ती करने का निर्देश दिया। डॉक्टरों का कहना है कि गायत्री प्रजापति को डायबिटीज, गुर्दा रोग के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी में भी दर्द की शिकायत है जिसके इलाज के लिए उन्हें केजीएमयू के प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया गया है।
गैंगरेप के मामले में 17 मार्च 2017 को गिरफ्तार हुए गायत्री प्रसाद प्रजापति को जेल गए 3 साल होने को हैं, लेकिन इन 3 सालों में गायत्री का ज्यादातर वक्त इलाज के नाम पर केजीएमयू के वार्ड में रहकर ही बीता है। 17 मार्च 2017 को जेल जाने के डेढ़ महीने बाद ही 3 मई 2017 को गायत्री बीमारी के नाम पर केजीएमयू में भर्ती हो गए थे।
मामला एमपी एमएलए कोर्ट के संज्ञान में आया। कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने नाराज होकर केजीएमयू और जेल प्रशासन से पूछ लिया कि आखिर गायत्री को बीमारी क्या है? और कब तक केजीएमयू में भर्ती रहेंगे? मामला कोर्ट की नाराजगी का हुआ तो गायत्री प्रसाद प्रजापति को आनन-फानन में जनवरी 2018 में लखनऊ जेल भेज दिया गया। लखनऊ जेल गए गायत्री से मिलने मुलायम सिंह यादव तक पहुंच गए।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव हुए तो मई 2019 में गायत्री प्रसाद प्रजापति फिर बीमारी के नाम पर केजीएमयू के प्राइवेट पार्ट के रूम नंबर 20 में भर्ती हो गए। हालांकि, भर्ती होने के बाद हुई जांच में केजीएमयू प्रशासन ने रिपोर्ट दी कि अस्पताल में भी गायत्री प्रसाद प्रजापति का इलाज किया जा सकता है।
8 महीने तक केजीएमयू में बीमारी के नाम पर भर्ती रहे गायत्री प्रजापति को जब मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने डिस्चार्ज कर दिया तो गायत्री ने प्राइवेट बोर्ड का बकाया चार्ज 20 हजार देने के नाम पर ही हंगामा काटा। लेकिन भारी हंगामे के बावजूद 18 जनवरी 2020 की आधी रात गायत्री प्रजापति को जेल जाना पड़ा।
18 जनवरी 2020 को जेल जाने के 52 दिन बाद ही 10 मार्च 2020 को गायत्री फिर बीमारी के नाम पर केजीएमयू में भर्ती हुए हैं। केजीएमयू प्रशासन से पूछा गया कि इस बार गायत्री को जो बीमारी है उसका इलाज जेल के अस्पताल में क्या संभव नहीं है तो केजीएमयू प्रशासन ने जेल के अस्पताल में एक डॉक्टर और कम संसाधन का हवाला देकर मेडिकल बोर्ड की निगरानी में इलाज कराने की दलील दी।