UP News: सेना में भर्ती के लिए भारत सरकार के द्वारा अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) लाई गई है. उसके बाद से लगातार तोड़फोड़, आगजनी, पत्थरबाजी और बवाल की खबरें सामने आ रही हैं. ऐसे में गाजीपुर (Ghazipur) जनपद का गहमर (Gahmar) गांव एशिया (Asia) का सबसे बड़ा गांव भी है. इस गांव में औसतन प्रत्येक घर से एक व्यक्ति सेना में कार्यरत है या फिर रिटायर है. अग्निपथ योजना को लेकर यहां के युवा क्या सोचते हैं इसको लेकर युवाओं से बातचीत की गयी. 


युवाओं ने इस योजना पर विरोध (Agnipath Protest) जताया. उनका विरोध जताने का तरीका लोकतांत्रिक है. उनका कहना है कि हमारी आवाज सरकार तक पहुंचे लेकिन तोड़फोड़ और आगजनी के जरिए नहीं.


क्या बोले युवा?
जनपद गाजीपुर का गहमर गांव देश प्रेम और सैन्य सेवा के लिए जाना जाता है. यहां पर मौजूदा समय में तकरीबन 25,000 से ऊपर रिटायर फौजी है तो करीब इतना ही सेना के जवान भी हैं. वहीं हजारों युवा प्रतिदिन सेना में भर्ती होने का सपना देखने के लिए लगातार प्रैक्टिस भी कर रहे हैं. यहां के करिब 100 से ऊपर युवा जिनका दौड़ और फिजिकल हो चुका था. सिर्फ रिटेन परीक्षा होनी बाकी थी. कोरोना काल से उन्हें आश्वासन मिलता रहा था लेकिन अचानक से सेना ने एक प्रेस वार्ता कर यहां के युवाओं के भविष्य पर पानी फेर दिया है. जिसको लेकर यहां के युवा काफी नाराज हैं.


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पत्थरबाजी को बताया गलत
यहां की युवाओं ने बताया कि विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन जो तरीका ट्रेनों में आगजनी कर पत्थरबाजी कर बवाल कर अपना रहे हैं, वह गांव और गांव के लोग नहीं कर सकते हैं. हम अपनी आवाज सरकार तक लोकतांत्रिक तरीके से करेंगे. वहीं कुछ युवाओं ने बताया कि यह विश्वनाथ सिंह का गहमरी का गांव है. हम कोई भी ऐसा काम नहीं करेंगे, जिससे हमारे पूर्वज और हमारे वीर सपूतों के मान सम्मान पर असर पड़े. 


करते रहेंगे विरोध
हम विरोध करेंगे इसके लिए हम जरूरत पड़ेगी तो अपने पूरे परिवार के साथ बहन बेटियों को लेकर धरना और प्रदर्शन पर बैठ जाएंगे. कुछ युवाओं ने कहा कि हमारे नेता विधायक और मंत्री एक बार विधायक और मंत्री होते हैं तो पेंशन लेते हैं फिर दोबारा होते हैं तो फिर लेते हैं. जब हम युवाओं की बारी आती है तो यह हमें अडानी और अंबानी का गुलाम बनाना चाहते हैं. वह चाहते हैं कि हम अडानी और अंबानी के गार्ड के रूप में काम करें जो हमें मंजूर नहीं है.


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