Agnipath Protest: अग्निपथ योजना को लेकर चल रहे बवाल के बीच ट्रेनों के कैंसिल होने की वजह से यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रेन के इंतजार में जहां यात्री भीषण गर्मी में परिवार के साथ स्टेशन पर परेशान हैं, तो वहीं वे अपने गंतव्य को कैसे पहुंचेंगे, इसे लेकर उनके मन में चिंता भी है. बिहार समेत अन्य राज्यों में जाने वाली ट्रेनों के कैंसिल और रीशेड्यूल होने से लोगों की उम्मीदें भी टूट रही हैं.
एनई रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर जून की भीषण गर्मी में अपने घरों और कार्यस्थलों की ओर जाने वाले लोग परेशान हाल है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्या करें. रेलवे की ओर से लगातार ट्रेनों के कैंसिल होने से वे हताश और परेशान हैं. गोरखपुर से होकर गुजरने वाली कुल 144 ट्रेनों को कैंसिल, शार्ट टर्मिनेशन और रीशेड्यूल किया गया है. इनमें 71 एक्सप्रेस गाड़ियां कैंसिल हुई हैं. बिहार, वाराणसी और पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेनों के कैंसिल होने से यात्री पेशोपेश में हैं.
ट्रेनों के कैंसिलेशन और रिशेड्यूल होने से परेशान लोग
कोलकाता के रहने वाले तारक भूमि नेपाल के दांग में सोने-चांदी का व्यापार करते हैं. वे पत्नी और छोटे बच्चे के साथ कोलकाता जाने के लिए कल शाम 6 बजे गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे. यहां पर आने के बाद उन्हें पता चला कि ट्रेन कैंसिल हो गई है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्या करें. छोटे बच्चे और पत्नी के साथ वे काफी परेशान हो रहे हैं. 11 बजे आने वाली पूर्वांचल एक्सप्रेस शाम 6 बजे आने वाली है. उसकी भी उम्मीद नहीं है. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें.
सिवान के रहने वाले शत्रुघ्न गोरखपुर में मैकेनिकल इंजीनियर हैं. वे पत्नी बबीता के साथ सीवान जाने के लिए गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. उन्हें इमरजेंसी की वजह से घर पहुंचना था. लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेस 11 बजे आने वाली रिशेड्यूल होने की वजह से काफी परेशानी हो रही है. उनकी पत्नी बबीता बताती हैं कि सुबह से आकर बैठी हैं. सिवान घर इमरजेंसी की वजह से पहुंचना जरूरी रहा है. लेकिन अब समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्या करें. उन्हें नहीं पता है कि ट्रेन चलेगी कि नहीं, इस वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
गोरखपुर घूमने आईं थीं सीमा
जावेद अख्तर परिवार के साथ सिवान जाना है. वे कोलकाता के रहने वाले हैं. वहां पर जॉब करते हैं. पत्नी सीमा खातून और बच्चे के साथ परेशान हैं. उन्होंने बताया कि काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गोरखपुर आकर बच्ची की तबियत भी गर्मी की वजह से खराब हो गई है. यहां पर डॉक्टर को दिखाएं हैं. अब ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं. जावेद की पत्नी सीमा खातून बताती हैं कि वे कोलकाता से गोरखपुर घूमने आईं थी. यहां पर बच्ची की तबीयत खराब हो गई. वे बच्ची को अस्पताल से लेकर आई हैं. उन्हें अपने मायके सिवान जाना है. वे समझ नहीं पा रही हैं कि क्या करें.
अर्चना सिंह दिल्ली में विवेक विहार में रहती हैं. वे गोरखपुर के बड़हलगंज की रहने वाली हैं. अर्चना का दिल्ली से गोरखपुर का टिकट रहा है. सत्याग्रह में उन्होंने रिजर्वेशन कराया था. ट्रेन कैंसिल हो गई. अचानक ट्रेन कैंसिल होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके बाद उन्होंने हमसफर एक्सप्रेस में रिजर्वेशन कराया और गोरखपुर पहुंची हैं. हरेन्द्र कुमार गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर छह साल से कुली का काम करते हैं. वे कहते हैं कि यात्रियों को ट्रेन कैंसिल होने से परेशान हो रहे हैं. जो ट्रेनें आ रही हैं, वे बिहार नहीं जा रही हैं. इसलिए लोग बस और अन्य साधनों से जा रहे हैं. ऐसे में वे लोग भी खाली बैठे हैं.
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