UP News: पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) रक्षा सेवाओं में भर्ती की केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' (Agnipath Scheme) पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को इसी क्रम में कहा कि अगर इस योजना के तहत सेना में शामिल अग्निवीर (Agniveer) पेंशन के हकदार नहीं हैं तो वह भी बतौर सांसद अपनी पेंशन छोड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अन्य सांसदों से विधायकों से भी पूछा कि क्यों न सभी अपनी पेंशन छोड़ दें और अग्निवीरों के लिए पेंशन की सुविधा सुनिश्चित करें.


'जनप्रतिनिधियों को पेंशन की सहूलियत क्यों?'


वरुण गांधी ने एक ट्वीट में कहा, 'अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यों? राष्ट्र रक्षकों को पेंशन का अधिकार नहीं है तो मैं भी खुद की पेंशन छोड़ने को तैयार हूं. क्या हम विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़ कर यह नहीं सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?' वरुण गांधी इससे पहले भी योजना के खिलाफ लगातार अपनी आवाज उठाते रहे हैं. योजना के प्रवाधानों के खिलाफ वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक चिट्ठी भी लिख चुके हैं.



भर्ती के नए मॉडल का कई जगह हो रहा विरोध


उल्लेखनीय है कि 'अग्निपथ योजना' भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा लाई गई एक नई योजना है. इसमें भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा और उनका कार्यकाल चार सालों का होगा. सेवानिवृत्ति के बाद वह पेंशन के हकदार नहीं होंगे. सेना में अब सारी भर्ती 'अग्निपथ योजना' के तहत ही होगी. भर्ती के इस नए मॉडल की घोषणा के बाद से ही देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध देखा गया है.


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'अग्निपथ योजना' 14 जून को घोषित की गई थी. इसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने का प्रावधान है. इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन होने के बाद सरकार ने पिछले दिनों 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है.


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