आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा के बीहड़ से साइबर ठगी के गैंग लॉकडाउन के बाद फिर सक्रिय हो गए हैं. जैतपुर के दड़हेता गांव से पुलिस ने गैंग के सरगना समेत 13 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे बड़ी संख्या में मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किए हैं. इनमें दो नाबालिग हैं. पुलिस का दावा है कि ये देश के विभिन्न राज्यों के लोगों को नौकरी और सर्विस के नाम पर करोड़ों का चूना लगा चुके हैं. हालांकि, ठगी की रकम पुलिस बरामद नहीं कर सकी है.
एसएसपी बबलू कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि ये गैंग समाचार पत्रों और जस्ट डायल जैसे प्लेटफार्म पर पूरे देश में विज्ञापन देकर लोगों को जाल में फंसाता था. दूसरे राज्यों के लोगों को मैंनेजर, सुपरवाइजर, सिक्योरिटी गार्ड, लाइन मैन की नौकरी लगवाने से लेकर स्पा सर्विसेज, वर्क फ्रॉम होम, पार्ट टाइम जॉब, रिवार्ड प्वाइंट कैश कराने और इंटरनेट के बिल में छूट दिलाने का लालच देकर बड़े पैमाने पर ठगी की जा रही थी.
उन्होंने आगे बताया कि यह गैंग 4999 से 49999 रुपये के प्लान बताकर लोगों को फंसाते थे. इसके बाद रजिस्ट्रेशन के नाम पर 400 रुपये पेटीएम, गूगल पे, फोन पे, भारत पे, आइएमपीएस, क्यूआर कोड स्कैन आदि तरीकों से रुपये जमा करा लेते हैं. इसके बाद कई और बहानों से रकम जमा करा लेते थे. अभी तक महाराष्ट्र, गुजरात, मप्र, राजस्थान, कर्नाटक, बिहार, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड और ओडिसा में ये ठगी कर चुके हैं.
बबलू कुमार ने आगे कहा कि ई मेल से कुछ शिकायतें मिलने के बाद पुलिस टीम लगाई गईं. इसके बाद शातिरों की गुरुवार को गिरफ्तारी हुई. कई शातिर मौका पाकर फरार हो गए. शातिरों के कब्जे से दो कार, छह बाइक, 40 मोबाइल, 45 फर्जी सिम कार्ड, 25 आधार कार्ड बरामद हुए हैं. इनके खिलाफ जैतपुर थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. गिरफ्तार करने वाली टीम में एसओ जैतपुर अरुण बालियान, एसओ चित्राहाट अमित कुमार और उनकी टीम शामिल रही.