आगरा: जेल नहीं पहुंचे पेरोल पर रिहा हुए बंदी, जेल अधीक्षक ने 15 जिलों के पुलिस अधिकारियों को लिखी चिट्ठी
आगरा जेल से कोरोना काल में हुए 88 बंदी जेल प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं. दियों के पेरोल की अवधि 13 और 21 नवंबर को खत्म हो चुकी है. मगर पेरोल पर रिहा हुए 91 बंदी अभी तक नहीं लौटे हैं.
आगरा: उत्तर प्रदेश की आगरा जिला जेल से कोरोना संक्रमण काल में पेरोल पर रिहा हुए 88 बंदी सिरदर्द बने हुए हैं. ये बंदी पेरोल की अवधि खत्म होने के बावजूद अभी तक हाजिर नहीं हुए हैं. इंतजार करने के बाद जेल प्रशासन ने इन बंदियों की वर्तमान स्थित जानने के लिए 15 जिलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा है जिससे इन बंदियों को पकड़कर जेल में हाजिर किया जा सके.
बंदियों की संख्या कम करने का लिया गया था फैसला मार्च के अंतिम सप्ताह में कोरोना वायरस संक्रमण को जेलों तक फैलने से रोकने के लिए बंदियों की मुलाकात बंद कर दी गई थी. वहीं, कोरोना गाइडलाइन के तहत बंदियों के बीच शारीरिक दूरी को प्रभावी तरीके से लागू करने का प्रयास किया गया था. इसके लिए जेलों में बंदियों की संख्या कम करने का फैसला किया गया. शासन स्तर से सात साल या उससे कम की सजा वाले बंदियों को पेरोल पर रिहा करने का फैसला किया गया था. जिला जेल से 114 बंदियों को पेरोल पर रिहा किया गया था. इन सभी को अप्रैल में दो बार में रिहा किया गया था.
अभी तक नहीं लौटे 91 बंदी इन बंदियों के पेरोल की अवधि 13 और 21 नवंबर को खत्म हो चुकी है. मगर पेरोल पर रिहा हुए 91 बंदी अभी तक नहीं लौटे हैं. इससे जेल प्रशासन परेशान है. वो इन बंदियों के जेल में हाजिर होने का इंतजार कर रहा है. इसके साथ ही जेल प्रशासन ने आगरा, फीरोजाबाद, मथुरा समेत 15 जिलों के पुलिस अधिकारियों को हाजिर नहीं होने वाले बंदियों की सूची भेजी है जिससे पुलिस इन बंदियों के घरों पर जाकर दस्तक दे सके. यदि कोई बंदी फरार है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कर सके.
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