Agra News: यूपी की आगरा (Agra) पुलिस ने बंधन बैंक (Bandhan Bank) से जुड़ा एक ऐसा गिरोह पकड़ा है जो निष्क्रिय और फर्जी खातों (Fake Account) में करोड़ों रुपये के बेनामी कैश का हेरफेर कर कालेधन (Black Money) को व्हाइट मनी (White Money) में बदलने का काम करते थे. पुलिस ने इस मामले में थाना ताजगंज स्थित बंधन बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक प्रशांत पाल सिंह समेत 4 लोगों को धोखाधड़ी के मामले में जेल भेज दिया है. प्रारंभिक जांच में ही सामने आ रहा है किस तरीके से निष्क्रिय और बोगस खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए.
इस मामले में फतेहाबाद रोड स्थित बंधन बैंक के पूर्व ब्रांच मैनेजर प्रशांत पाल सिंह, मोहम्मद फैज, जाकिर और जिब्रान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि इन लोगों ने मिलकर इन निष्क्रिय खातों में करोड़ों रुपये का हेरफेर किया है. ये लोग ऐसे खातों को ट्रैक करते थे जिनमें लंबे समय से कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता है या जिन लोगों को बैंकिंग सिस्टम की जानकारी कम होती है.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
इस मामले में हरेंद्र नाम के एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की तो परत दर परत मामला खुलता चला गया. पुलिस को बता चला कि इसके अलावा कई अन्य खातों में भी 10 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ है. मामला करोड़ों रुपए के काले धन से जुड़ा हुआ है. इस पूरी हेराफेरी में एक बड़े कारोबारी से जुड़े काले धन का बड़े पैमाने पर ट्रांजेक्शन होने की बात सामने आ रही है.
दरअसल गायत्री विहार कॉलोनी के रहने वाले हरेंद्र सिंह ने बंधन बैंक में कारोबारी लिहाज से 5 लाख के पर्सनल लोन के लिए आवेदन किया था. इसके लिए उन्होंने तमाम कागजात भी उपलब्ध कराए थे, लेकिन कागजों में कमी बताकर उनको लोन नहीं दिया गया. वहीं दूसरी तरफ उनसे ये कहा गया कि सबसे पहले वह अपना खाता खुलवाएं. खाता खुलवाने के बाद भी उनको लोन नहीं दिया गया. बाद में उन्हें पता चला कि प्रार्थी की पत्नी के नाम जो पहले चेक दिए गए थे उन चेकों के जरिए खाते में पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है जबकि उनको इस बात की जानकारी नहीं थी.
इस मामले को लेकर बंधन बैंक के ब्रांच मैनेजर प्रशांत पाल सिंह से पीड़ित हरेंद्र सिंह ने बात की तो वो झल्लाने लगे और उनकी किसी बात का ठीक से जवाब नहीं दिया. इसके बाद भी उन्होंने पाया कि उनके खाते में कई बार पैसों का लेन-देन किया गया और ये लेन-देन 2 करोड रुपये का था. जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत बैंक प्रबंधन से की लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो उन्होंने थाना ताजगंज में मुकदमा पंजीकृत कराया.
बैंक प्रबंधक समेत चार आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो विभागीय जांच में पूर्व बैंक प्रबंधक प्रशांत पाल सिंह दोषी पाए गए. पुलिस ने इस बैंक प्रबंधक समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही जांच में ये सामने आया है कि कई सारे ऐसे और भी खाते हैं जो पूरी तरह से निष्क्रिय थे या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवाए गए थे. उन खातों में बेनामी धन डाला गया और ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में कन्वर्ट किया गया. इस मामले में डीसीपी सिटी विकास कुमार का कहना है कि हमने सारी डिटेल आयकर के साथ साझा की है जांच में और कई बैंक कर्मी और शहर के बड़े कारोबारियों के नाम सामने आने की उम्मीद है.
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