Agra News Today: उत्तर भारत के प्राचीन प्रसिद्ध बटेश्वर तीर्थ धाम में लगने वाले लोक मेले की शुरूआत हो गई है. यह देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गांव भी है. इस मेले को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. इस पशु मेले का इतिहास 400 साल से अधिक पुराना है.
प्राचीन बटेश्वर तीर्थ धाम में पशु एवं लोक मेले का आयोजन हर साल होता चला आ रहा है. जिसमें देश विदेश से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. वर्तमान में बटेश्वर मेला का आयोजन जिला पंचायत आगरा के जरिये कराया जाता है और इसके लिए धनराशि भी सरकार आवंटित करती है.
फीता काटकर मेले का उद्घाटन
पशु मेले का उद्घाटन बीजेपी ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्गविजय सिंह शाक्य ने किया. इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदोरिया, पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह, पूर्व मंत्री राम सकल गुर्जर मौजूद रहे और फीता काटकर पशु मेला एवं लोक मेला का उद्घाटन किया गया.
बटेश्वर तीर्थ मंदिर ट्रस्ट और जिला पंचायत के जरिये यहां पर अयोध्या की तर्ज पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया. बटेश्वर तीर्थ में 51 हजार दीपों से दीपदान कार्यक्रम किया गया. दीपावली के पर्व पर अयोध्या नगरी टिम टिम करते दीपकों से जगमगा उठती है. इसी तरह का नजारा बटेश्वर तीर्थ धाम में भी नजर आया है, जब यहां एक साथ 51 हजार दीपक जल उठे.
पूर्व पीएम का है पैतृक गांव
बटेश्वर गांव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव है. बटेश्वर को विकसित करने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है. यहां हर साल प्राचीन पशु मेला लगता है, जिसका आयोजन शुरू हो गया है. इस प्रसिद्ध मेले में व्यापारी देशभर से पशु लेकर पहुंचते हैं.
इसके अलावा कई राज्यों के लोग पशुओं के खरीदारी के लिए पहुंचते हैं. पशु मेले के आयोजन के रूप में यह काफी बड़ा और प्राचीन माना जाता है. बीजेपी ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदोरिया के साथ दीप प्रज्वलित कर दीपदान किया.
इस मौके पर 51 हजार दीपों से यमुना के घाट और भगवान शिव का मंदिर जगमगा उठा. दीपक की रौशनी से यमुना नदी के पानी में इसका प्रतिबिम्ब आकर्षण का केंद्र बना हुआ था. इस दौरान बाबा बटेश्वर नाथ के जयकारों से क्षेत्र गुंजायमान हो गया.
मेले में पशुओं का रजिस्ट्रेशन शुरू
जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदोरिया ने बताया कि मेले का उद्घाटन होने के साथ ही पशु मेले में पशुओं के रजिस्ट्रेशन का कार्य शुरू हो जाएगा. व्यापारी अपने पशुओं की खरीद फरोख्त सुरक्षा के साथ कर सकेंगे. मेले में लाइट और पानी की व्यवस्था पूरी तरह से दुरुस्त की गई है.
पशु मेला समापन के बाद लोक मेले का आयोजन किया जाएगा. तीर्थ धाम बटेश्वर में लगने वाला मेला प्राचीन समय से लगता चला रहा है. मेले में सांस्कृतिक एवं खेलकूद प्रतियोगिता के साथ कवि सम्मेलन, लोक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसमें क्षेत्रीय लोगों के साथ अन्य लोग भी आनंद उठा सकेंगे. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी तैयारी ली गई हैं.
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