UP News: बीजेपी सांसद और इंस्पेक्टर में जमकर बहस, सपा ने CM योगी को घेरा, कहा- 'MP-MLA रोजाना आपका...'
BJP MP Rajkumar Chahar News: बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर और इंस्पेक्टर के बीच हुई बहस को लेकर समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है.
Agra News: उत्तर प्रदेश (UP) के आगरा के सिकंदरा में तैनात इंस्पेक्टर क्राइम और बीजेपी (BJP) सांसद राजकुमार चाहर (Rajkumar Chahar) के बीच जमकर कहासुनी हुई. पहले इंस्पेक्टर ने हाथ जोड़े फिर दोनों की बीच हुई जमकर बहस हो गई. इस दौरान दोनों की ओर से अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया. दरअसल आगरा के कागरौल में क्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) आए थे. इसी बीच गाड़ी को लेकर विवाद की आशंका है. राजकुमार चाहर आगरा ग्रामीण से सांसद और किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.
वहीं बीजेपी सांसद और इंस्पेक्टर के बीच हुई बहस को लेकर समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है. सपा मीडिया सेल ने ट्वीट किया, "बीजेपी सांसद और दारोगा के बीच तीखी बहस. सांसद ने दारोगा से पूछा- तुम किस पार्टी से हो? योगी जी, सुब्रत पाठक ने आपके पुलिसवालों को सरेआम थप्पड़ मारकर आपको चैलेंज दिया. अब आपके एक और सांसद ने आपको फिर से चैलेंज दिया है. आपके सांसद/विधायक रोजाना आपका अपमान कर रहे ,शर्म कीजिए.''
सुब्रत पाठक पर दर्ज हुआ था मुकदमा
गौरतलब है कि इसी महीने पहले कन्नौज से बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक और पार्टी के छह से ज्यादा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. मामला सदर कोतवाली इलाके का था. मंडी चौकी प्रभारी ने सांसद सुब्रत पाठक पर मारपीट का आरोप लगाया था. कन्नौज कोतवाली में धारा 147,148, 332, 353, 504, 506, 427, 225, अपराध कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. इसको लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक के बीच जमकर बयानबाजी भी हुई थी.
अखिलेश यादव-सुब्रत पाठक में हुई थी बयानबाजी
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था, "आज की ताजा खबर. पुलिसवालों ने की कन्नौज के बीजेपी सासंद सुब्रत पाठक के ऊपर एफआईआर. जनता पूछ रही है कब होंगे गिरफ्तार? इन भाजपाइयों से बचने के लिए पुलिस क्या बुलडोजर के पीछे छुपकर अपनी जान बचाए." वहीं सुब्रत पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव अपने समय को याद करें कि किस तरह वे गुंडागर्दी कराते थे. साथ ही गुंडों का समर्थन करते थे. मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद से बड़ा कोई उदाहरण हो ही नहीं सकता, इसलिए अखिलेश यादव इस पर न बोले तो ही अच्छा है.