(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Agra News: अब जूता बनाना सीखेंगे आगरा सेंट्रल जेल के कैदी, इस संस्थान से मिलेगी ट्रेनिंग
आगरा के सेंट्रल जेल को एक जिला एक उत्पाद से जोड़ा जाएगा जिसके तहत यहां के कैदी लेदर शूज बनाना सीखेंगे. उन्हें यह ट्रेनिंग आगरा के प्रतिष्ठित संस्थान से दिलाई जाएगी.
UP News: उत्तर प्रदेश की आगरा सेंट्रल जेल (Agra Central Jail) में कैदियों को हुनरमंद बनाने का काम किया जा रहा है जिससे कैदी जेल की चाहरदीवारी में रहकर ही पैसे कमाकर अपने परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सके. यूपी की योगी सरकार अब आगरा की इसी सेंट्रल जेल को 'एक जिला, एक उत्पाद' (ODOP) योजना से जोड़ने जा रही है ताकि बंदियों को लेदर शूज बनाने की ट्रेनिंग देकर उन्हें नए रोजगार से रूबरू कराया जा सके.
50 कैदियों को मिलेगी जूता बनाने की ट्रेनिंग
सरकार की योजना के तहत कारागार के सजायाफ्ता बंदी 'लेदर शूज और अन्य लेदर प्रोडक्ट' बनाएंगे. इस पहल से बंदी 'हुनरमंद' तो बनेंगे ही, रिहाई के बाद उन्हें रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. केंद्रीय कारागार प्रशासन और सेंट्रल फुटवियर ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट आगरा (CFTI) ने मिलकर यह योजना बनाई है. इसके तहत जल्द ही 50 बंदियों को शूज मेकिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के बाद बंदियों को सर्टिफिकेट और रोजगार भी दिया जाएगा.वहीं हैंडलूम यूनिट में 25 कैदी लगातार काम करते हैं और वहां से बनाई जा रही महिलाओं की साड़ी, चादर, गमछा किसी भी फैक्ट्री की क्वालिटी से कम नजर नहीं आती है.
जेल से हुई कमाई से बच्चों को पाल रहे कैदी
आगरा की सेंट्रल जेल में बंदियों को 'हुनरमंद' बनाकर विभिन्न उद्योगों के जरिए रोजगार दिया जा रहा है. केंद्रीय कारागार के सजायाफ्ता बंदियों के हाथ भले ही लूट, डकैती, जघन्य अपराध या किसी की हत्या के खून से सने हों. उनसे जाने-अनजाने में अपराध हुआ हो, जिसकी सजा बंदी भुगत रहे हैं लेकिन ऐसे तमाम बंदियों को केंद्रीय कारागार प्रशासन की तरफ से बंदियों को कई तरह की ट्रेनिंग दिलवाने का काम किया जा रहा है. इसके चलते बंदी फर्नीचर, साबुन, कालीन, दरी बनाने और सिलाई समेत अन्य कई कार्य करने में निपुण हो गए हैं. इसी हुनर के जरिए वो अच्छी रकम भी अर्जित कर रहे हैं और परिवार का पालन पोषण भी कर रहे हैं.
कैदी आदेश और गंगाराम उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. उनका कहना है कि जेल मैं आने के बाद ये चिंता थी कि परिवार कैसे चलेगा, बच्चे कैसे पढ़ेंगे, लेकिन यहां रहकर कुछ सीखने का मौका मिला और पैसा कमाकर घर की जिम्मेदारी उठा रहे हैं.
इस संस्थान से दिलाई जाएगी कैदियों को ट्रेनिंग
वहीं दूसरी तरफ इन कैदियों को ट्रेंड करने का काम एक स्वयंसेवी संस्था कर रही है. कैदियों को ट्रेनिंग देने वाले ऋषभ जैन बताते हैं कि इन कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पाद टेक्सटाइल कंपनी को फेल कर देती है. सेंट्रल जेल डीआईजी वीके सिंह ने बताया कि ओडीओपी के तहत सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट आगरा (CFTI) के विशेषज्ञ केंद्रीय कारागार में बंदियों को ट्रेनिंग देंगे. इसके लिए 50 बंदियों का चयन किया जा रहा है. बंदियों को शूज के अपर बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के बाद केंद्रीय कारागार में बंदी लेदर शूज के अपर तैयार करेंगे और इन अपर से फिर फैक्ट्री में लेदर शूज बनाए जाएंगे.
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