Agra News: योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में जेलों में कैदियों के शारीरिक और मानसिक सुधार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसी क्रम में कारागार मंत्री बनाए गए धर्मवीर प्रजापति ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में सुबह और शाम गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप अनिवार्य रूप से कराया जाए. साथ ही संतों के प्रवचन कार्यक्रम भी अब जेलों में नियमित कराए जाएंगे ताकि कैदी मानसिक तौर पर सकारात्मक ऊर्जा से जेल में अपना समय बिता सकें ताकि मानसिक तौर पर वह जेल के तनाव से मुक्त रह सकें और जब वह सजा काटकर बाहर निकले तो पहले से बेहतर इंसान बन सकें.


इसी क्रम में आगरा जेल ने कैदियों के लिए मंत्री की पहल को लागू करा दिया है और आगरा सेंट्रल जेल के बहुउद्देशीय हॉल में गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप रोजाना सुबह और शाम करीब आधा घंटे होता है. हाथ जोड़े खड़े और बड़ी तन्मयता से गायत्री मंत्र को सुन रहे कैदियों का कहना है कि जबरदस्त मन को सुकून मिल रहा है. जेल में रहने का जो तनाव होता है, उससे इन मंत्रों के जाप से मन और तन को सुकून है.


आगरा सेंट्रल जेल में हैं 1700 से ज्यादा कैदी


आगरा सेंट्रल जेल में इस समय 1700 से ज्यादा कैदी बंद हैं. इस जेल में कुल कैदियों के 96 फीसदी कैदी सजायाफ्ता हैं यानी जिन्हें कोर्ट से सजा सुनाई जा चुकी है. साथ ही कई सारे कश्मीर के अलगाववादी और खूंखार आतंकवादी यहां सजा काट रहे हैं. साथ ही गंभीर मामलों में कुछ राजनेता भी इसी जेल में बंद हैं. ऐसे में अपराध कारित करने की वजह से कोर्ट ने इनको सजा दी है. इसलिए गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र के जाप और संतों के प्रवचनों से जेल के अंदर कैदियों को मानसिक सुकून मिलने लगा है. वहीं जब भी ये कैदी सजा काटकर बाहर निकलें तो अच्छे इंसान बने, ये सरकार और जेल प्रशासन की मंशा है.


मंत्री धर्मवीर प्रजापति की है ये पहल


दरअसल, मंत्री धर्मवीर प्रजापति की ये पहल है कि जेल में कैदियों के मानसिक सुकून के लिए अच्छे प्रोग्राम चलाए जाएं, उसी क्रम में गायत्री मंत्र और अन्य मंत्रों के जाप के साथ ही संत महात्माओं के प्रवचन कार्यक्रम जेल में आयोजित हों. कुल मिलाकर जेल बंदीगृह से ज्यादा सुधार गृह की तरह नजर आएं. कुल मिलाकर आगरा सेंट्रल जेल जहां हाल ही में दसवीं फिल्म की शूटिंग हुई है. वहां से कैदियों के उत्थान की एक अच्छी तस्वीर सामने आई है. दसवीं फिल्म में अभिषेक बच्चन और यामी गौतम मुख्य भूमिका में है. वहां कैदियों के मानसिक सुकून के लिए ये कदम उठाए गए हैं.


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