Agra News: आगरा के कैंट इलाके स्थित श्रीमती जौय हैरिस गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल ममता दीक्षित के वायरल वीडियो ने तूल पकड़ लिया है. वायरल वीडियो में प्रिंसिपल तमाम तरह के गंभीर आरोप अन्य महिला शिक्षकों पर लग रहे हैं. साथ ही वीडियो में वह काफी रोती बिलखती भी नजर आ रही हैं. इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो आज कॉलेज में डीआईओएस मनोज कुमार और मजिस्ट्रेट दिव्या सिंह पहुंची. इसके साथ ही स्थानीय विधायक डॉ जी एस धर्मेश पहुंचकर पूरे मामले को जाना. इस मामले में जिस तरह से प्रिंसिपल ममता दीक्षित द्वारा स्कूली छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए प्रेरित करने के आरोप कुछ महिला मुस्लिम शिक्षकों पर लगाए, उसकी गंभीरता देख डीआईओएस ने प्रिंसिपल ममता दीक्षित और दूसरी शिक्षक रेहाना खातून को आमने सामने बिठा सवाल जवाब भी किए और हकीकत जानने की कोशिश की. 


जांच में सामने आई ये बड़ी बात


जांच में यही निकल कर सामने आया है कि वायरल वीडियो 15 सितंबर का है. वायरल वीडियो में प्रिंसिपल ममता दीक्षित काफी ज्यादा रोती हुई नजर आ रही हैं और उनका कहना है कि महिला शिक्षक रेहाना खातून और शबीना मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए प्रेरित करती हैं ताकि कॉलेज का अनुशासन बिगड़े. इसके साथ ही उन्होंने एक और महिला शिक्षक अनुपमा यादव पर आरोप लगाए कि वह इन महिला शिक्षकों की मदद करती हैं. वीडियो में प्रिंसिपल कहती हुई नजर आ रही हैं कि कॉलेज में 70 फ़ीसदी छात्राएं मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखती हैं. इस कॉलेज में धर्म विशेष के एजेंडे को बढ़ावा दिया जा रहा है. 



प्रिंसिपल ममता दीक्षित ने कही ये बात


एबीपी गंगा ने इसको लेकर प्रिंसिपल ममता दीक्षित से बात की उनका कहना है कि बच्चियों को बरगला कर कॉलेज का माहौल बिगाड़ा जा रहा है. कुछ महिला शिक्षकों ने छात्राओं का पूरा ब्रेनवाश कर दिया है और वह यह नारेबाजी करती हैं कि ममता दीक्षित कुर्सी छोड़ो. स्कूल का माहौल कुछ शिक्षिकाएं लगातार बिगड़ रही हैं ताकि मैं प्रिंसिपल का पद छोड़ दूं. 


जानें- छात्राओं ने क्या कहा?


वहीं, इस वायरल वीडियो को लेकर जब हमने छात्राओं से बात की तो एक सुर में छात्राएं प्रिंसिपल के द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों का खंडन करती हुई नजर आईं. छात्राओं का कहना है कि लगातार प्रिंसिपल बहुत ही निम्न स्तर के कमेंट छात्राओं पर करती हैं इसके साथ ही हिंदू मुसलमान जैसा कोई भी भेदभाव कॉलेज में नहीं किया जाता. आरोपी शिक्षिका शबीना खातून का कहना है कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं और कोई भी छात्रा स्कूल में हिजाब पहनकर नहीं आती और ना ही किसी भी छात्रा को हिजाब पहनने के लिए कहा जाता है. इसी बीच रेहाना खातून के नाम से बना एक पोस्टर भी शिक्षिका ने दिखाया जिसमें मां सरस्वती का फोटो छपा हुआ है और उसको दिखा कर यह दावा किया गया कि इस मामले में हिंदू मुसलमान करके जो भी सांप्रदायिक कलर दिया जा रहा है वह पूरी तरह से बेबुनियाद है और इसके पीछे असली वजह अवैध तरीके से छात्राओं द्वारा की गई फीस वसूली है. तमाम महिला शिक्षकों का कहना है प्रिंसिपल ममता दीक्षित ने नियम विरुद्ध जाकर तमाम छात्राओं से फीस के नाम पर वसूली की है और जब इसका विरोध किया गया तो उन्होंने इस मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया. 


डीआईओएस मनोज कुमार ने कही ये बात


इस मामले में डीआईओएस मनोज कुमार का कहना है कि कॉलेज में चल रही गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही थी. इसी बीच ये वायरल वीडियो भी हमारे संज्ञान में आया है. हम पूरे मामले की जांच करा रहे हैं और जो हिजाब प्रकरण को लेकर जो तूल पकड़ा है उसकी भी सत्यता का पता लगा रहे हैं. साथ ही फीस वसूली को लेकर भी कॉलेज में कुछ शिकायत प्रिंसिपल के खिलाफ की गई है, उसकी भी जांच की जा रही है.


मामले में स्थानीय विधायक ने दिया बयान


वह इस मामले में कॉलेज पहुंचे स्थानीय विधायक डॉक्टर जी एस धर्मेश का कहना है कि यह जांच का विषय है कि कौन लोग नियमों को ताक पर रखकर छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.  अगर प्रिंसिपल ममता दीक्षित के साथ किसी भी तरह का उत्पीड़न किया जा रहा है इस मामले की जांच होनी चाहिए और मैंने खुद व्यक्तिगत तौर पर प्रिंसिपल से कॉलेज में चल रहे इस विवाद को लेकर बात की है. इस मामले में अगर जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी ताकि छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो.


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