Agra News Today: बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और हिमाचल के मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आगरा की स्पेशल कोर्ट ने कंगना रनौत के मामले में रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने आगरा के थाना न्यू आगरा को 20 दिन में सबूत, गवाह और बयानों की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. रिपोर्ट पेश होने के बाद कोर्ट इस संबंध में आगे फैसला करेगा.
आगरा कोर्ट में सांसद कंगना रनौत के कथित विवादित बयानों को लेकर वाद दायर किया गया था, जिसमें लगातार तारीखों पर सुनवाई हो रही है. इससे पहले आगरा कोर्ट ने कंगना रनौत को नोटिस भी जारी किया था. कोर्ट के नोटिस में कंगना रनौत को व्यक्तिगत या फिर अधिवक्ता के माध्यम से हाजिर होने को कहा था, हालांकि इस आदेश के बावजूद कंगना रनौत कोर्ट नहीं पहुंची थीं.
कंगना के बयानों पर विवाद
राष्ट्रद्रोह और किसानों के अपमान के मामले में एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत को नोटिस भेजा था. आगरा न्यायालय में कंगना रनौत के पूर्व में दिए गए बयानों को लेकर वाद दाखिल किया गया था, जिस पर अब 8 फरवरी को सुनवाई होगी.
वाद दाखिल करने वाले आगरा के अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कहा कि कंगना रनौत के द्वारा दिल्ली बॉर्डर पर अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए काले कानूनों के विरोध में धरना देने वाले लाखों किसानों के प्रति अभद्र टिप्पणी की थी और कहा था कि वहां पर हत्याएं और बलात्कार हो रहे हैं. अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कहा, "कंगना रनौत ने कहा था कि अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो जाते."
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कहा, "इसके अलावा कंगना रनौत ने 17 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरुद्ध एक टिप्पणी की थी. जिसमें कहा था कि गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है, आजादी नहीं और 1947 में जो आजादी मिली है वह महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी." उन्होंने कहा, "कंगना रनौत ने यह भी कहा था कि असली आजादी तो 2014 में तब मिली जब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी."
वादी ने किया ये दावा
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कोर्ट में दायर अपने वाद में कहा कि इस तरह से कंगना रनौत ने देश के करोड़ों किसानों को हत्यारा, बलात्कारी और उग्रवादी बताकर अपमान किया था. उन्होंने कहा, "कंगना ने 1947 में मिली आजादी को भीख में मिली बताकर कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ-साथ देश के लाखों देशभक्तों, शहीदों, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां जैसे तमाम देश भक्तों जो देश की स्वतंत्रता के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए, उनका अपमान किया था."
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आगे कहा,"महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने जेल की यातनाएं सहीं और कंगना रनौत ने अपने बयानों से उन सभी का अपमान किया था."
कोर्ट ने जारी किया नोटिस
आगरा कोर्ट ने कंगना रनौत को नोटिस जारी किया था कि परिवादी एडवोकेट रमाशंकर शर्मा के जरिये परिवाद प्रस्तुत किया गया है. आपको निर्देशित किया जाता है कि आपको संबंधित परिवाद के संदर्भ में अपना पक्ष रखना है या सुनवाई करानी है, तो आप न्यायालय में या तो व्यक्तिगत रूप से अथवा अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें अथवा सुनवाई कराना सुनिश्चित करें.
कोर्ट ने अपने नोटिस में यह भी कहा कि अगर आप निश्चित समय और निश्चित तिथि को न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होती हैं या अपना पक्ष नहीं रखती हैं, तो उपरोक्त वाद में की कार्रवाई नियमानुसार अग्रसारित कर दी जाएगी. आगरा के स्पेशल कोर्ट ने थाना न्यू आगरा को आदेश दिया कि 20 दिन के अंदर धारा 225 (1) बीएनएसएस के तहत आख्या प्रस्तुत करें. 29 जनवरी को थाना पुलिस आख्या प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद कोर्ट 8 फरवरी को अपना फैसला सुनाएगी.
ये भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, विचाराधीन आपराधिक मामले में भी हो सकेगा पासपोर्ट रिन्यू