ताजमहल शिव मंदिर या मकबरा? मुस्लिम पक्षकार बनने की अर्जी पर ASI ने की आपत्ति
Tajmahal Case in Agra Court: योगी ब्रिगेड संस्था ने ताजहल को कथित तौर पर तेजोमहालय घोषित करने और पूजा अर्चना की इजाजत देने की मागं करते हुए याचिका दाखिल की है. इस मामले में आज कोर्ट में सुनवाई हुई.
Agra News Today: आगरा के लघुवाद न्यायालय में बुधवार (27 नवंबर) को दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल के तेजोमहालय मंदिर होने के दावे पर सुनवाई हुई. इस याचिक में कथित तेजोमहालय मंदिर जलाभिषेक करने की मांगबकी गई है. कोर्ट में सैय्यद इब्राहिम हुसैन जैदी की अर्जी पर एएसआई ने आपत्ति दाखिल की है.
बता दें, ताजमहल में सावन के महीने में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के अलावा हिंदू त्योहारों पर पूजा अर्चना की मांग को लेकर योगी यूथ ब्रिगेड नाम की संस्था के प्रदेश अध्यक्ष अजय तोमर ने अदालत में याचिका दायर की है. इसी मामले में आज लघुवाद न्यायालय में न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव की कोर्ट में सुनवाई हुई.
क्या है पूरा मामला?
अदालत में बुधवार मुस्लिम पक्ष की तरफ से सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के पक्षकार बनने वाली अर्जी पर बहस होनी थी, लेकिन इस याचिका पर बहस से पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल की ओर से उनके अधिवक्ता विवेक कुमार ने आपत्ति दाखिल कर दी. उन्होंने कहा कि सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी को पक्षकार बनने का कोई अधिकार नहीं है.
डॉ राजकुमार पटेल के अधिवक्ता विवेक कुमार ने दलील दी कि ताजमहल से संबंधित जानकारी न्यायालय को मुहैया कराना और केस लड़ना एएसआई की जिम्मेदारी है. जिस पर सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के अधिवक्ता रईसउद्दीन ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है.
इसके बाद आगरा न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 16 दिसंबर तय की है. इससे पहले सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने अपने अधिवक्ता के जरिये 24 सितंबर को ताजमहल को मकबरा और वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताते हुए पक्षकार बनने को अर्जी दी थी.
जिस पर वादी अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने 7 अक्टूबर को आपत्ति दाखिल की थी और कहा था कि ताजमहल सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी की कोई प्राईवेट प्रोपर्टी नहीं है और ना ही वे शाहजहां के कोई वंशज हैं. अजय तोमर के अधिवक्ता ने दलील दी कि ताजमहल वर्तमान में एक सरकारी इमारत है, इस लिए उन्हें केस लड़ने का कोई अधिकार नहीं है.
केस नकल मुहैया कराने की मांग खारिज
इस पर 23 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी. इस दौरान प्रतिवादी एएसआई के अधिवक्ता ने वादी अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर से केस की नकल मुहैया कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. जिसे न्यायालय ने तत्काल खारिज कर दिया था.
वादी अजय तोमर ने दावा किया कि एएसआई और सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी मामले को टालना चाहते हैं, क्योंकि उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है. वादी अजय तोमर ने दावा किया कि तेजोमहालय शिव मंदिर है और करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, इसलिए तेजोमहालय को वक्फ की संपत्ति बताना निंदनीय है.
ताजमहल के नीचे खुदाई की मांग
वादी अजय तोमर ने कहा कि ताजमहल का सर्वे होना चाहिए और इसके लिए 16 तारीख को न्यायालय में अर्जी दाखिल करेंगे. तोमर ने कहा कि ताजमहल के मुख्य मकबरे से 15 फीट नीचे खुदाई करके सर्वे होना चाहिए, जिससे सच्चाई सामने आ सके.
वादी के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर का कहना है कि एएसआई और सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी दोनों मिलें हुए हैं और अदालत का समय व्यर्थ कर रहे हैं. उसने कहा कि 16 दिसंबर की तारीख को हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के पक्षकार बनने वाली अर्जी खारिज हो और केस विधिवत रूप चले.
ये भी पढ़ें: संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ