UP News: आगरा (Agra) के रफीक की चचेरे भाइयों ने महज 1000 रुपये को लेकर हत्या कर दी थी या उसने जंगल में फांसी लगाकर खुदकुशी (Suicide in Forest) कर ली थी, इस पूरे घटनाक्रम पर अब 10 महीने बाद पर्दा उठने जा रहा है. दरअसल रफीक की विधवा बीवी शाबना की लड़ाई रंग लाई है और कोर्ट के निर्देश पर सींगना गांव स्थित कब्रिस्तान में कब्र से रफीक का शव निकाला गया है और अवशेष का परीक्षण कराया जाएगा. 


चचेरे भाइयों ने दी थी जंगल में शव मिलने की जानकारी


दरअसल 15 अक्टूबर, 2021 को थाना सिकंदरा क्षेत्र के चौमा गांव के रहने वाले रफीक का हजार रुपये को लेकर चचेरे भाइयों से विवाद हुआ था. इसको लेकर रफीक के साथ मारपीट की गई थी, मामला पुलिस तक पहुंचा था. बताया जाता है 18 अक्टूबर को रफीक का शव कीठम जंगल में मिला था. पत्नी शाबना के मुताबिक रफीक के चचेरे भाइयों ने ही इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि रफीक ने सुसाइड कर लिया है लेकिन शाबना का आरोप है कि उसके शौहर की उसके चचेरे भाइयों पप्पू, दिलवर, वकील, शकील और नसीब ने मिलकर हत्या की है और उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई.


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आरोपियों ने डर दिखाकर दफ्नाया दिया था शव


रफीक के भाई सुशील के मुताबिक जिन लोगों ने भाई को मारा उन्होंने ही जल्दबाजी दिखाते हुए शव को दफना दिया. उस वक्त वो इस हालत में नहीं था कि पोस्टमॉर्टम के लिए परिवार से जिद करता. वहीं मृतक की पत्नी जो वृंदावन के सकराया गांव की रहने वाली है, उसके मुताबिक जिन लोगों ने उसके शौहर की हत्या की, वो लोग ही बता रहे थे कि 3 दिन से गायब उसके शौहर का शव जंगल में लटका हुआ है. उन्होंने ही आनन फानन में पुलिस का डर दिखाकर शव को कब्रिस्तान में दफना दिया. 


रफीक पुताई का काम करता था. उसकी पत्नी और उसके परिवार वालों ने केस दर्ज कराने की कोशिश की थी लेकिन केस दर्ज न हो पाने पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली थी. अब कोर्ट के आदेश पर रफीक का शव कब्रिस्तान से निकाला गया है.


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