आगरा: लाखों किसानों के लिये नजीर बने शिशुपाल, आधुनिक खेती से लिख दी सफलता की नई इबारत
आगरा के शिशुपाल के पास दूर दूर से लोग खेती में नये बदलाव सीखने के लिये आते हैं. आज वे हजारों किसानों के लिये नजीर बन चुके हैं.
आगरा: पारंपरिक खेती से हटकर अगर आप भी आधुनिक खेती करेंगे तो आप भी कई गुना आर्थिक लाभ कमा सकते हैं. जैसे आगरा के पनवारी गांव के रहने वाले शिशुपाल सिंह कमा रहे हैं. उनका दावा है कि वैज्ञानिक और आधुनिक तरीके से खेती करने का परिणाम यह रहा कि दो साल में बढ़कर अब उनकी सालाना आमदनी करीब 10 गुना बढ़ चुकी है, और यही वजह है कि आस पास के किसान भी उनके खेती के मॉडल का अपना रहे हैं. यही नहीं, दूर दूर से लोग उनके पास पहुंचकर खेती के आधुनिक तौर तरीकों को सीख रहे हैं.
खेती को बनाया प्रयोगशाला
आगरा के युवा किसान शिशुपाल सिंह ने खेती को प्रयोगशाला बना दिया है. पहले शिशुपाल सिंह भी पारम्परिक तरीके से गेंहू, आलू और बाजरा की खेती किया करते थे, लेकिन शिशुपाल पारंपरिक खेती छोड़ उन्होंने ढाई बीघा खेत में केसर की फसल की. आज उन्हें 50 हजार रूपए प्रति किलोग्राम का भाव मिल रहा है. एक तरफ उन्हें काफी अच्छा भाव मिल रहा है, वहीं बड़ी कम्पनियां भी उनसे संपर्क कर रही हैं.
तैयार की अश्वगंधा की फसल
इसके साथ ही उन्होंने अश्वगंधा की भी फसल की. इसका 25 हजार रुपये कुंतल का भाव है. एक बीघा में 20 कुंतल की उपज होती है. हाल ही में उन्होंने ऑर्गेनिक गेहूं भी पैदा किए हैं.
बदलाव बन गया पहचान
बकौल शिशुपाल उन्होंने अपनी खेती में दो साल पहले बदलाव लाना शुरू किया था, लेकिन आज यही बदलाव उनकी पहचान बन गया है. ना केवल आधुनिक तौर तरीकों से नकदी फसल की खेती कर रहे हैं, बल्कि टपक सिंचाई पद्धति को अपनाकर डार्क जोन बने आगरा में अपनी फसलों की भरपूर सिंचाईं भी करवा पा रहे हैं. केसर, ऑर्गेनिक गेंहू, सदाबहार नींबू, अश्वगन्धा, सफेद मूसली, ऑर्गेनिक गन्ना, जैविक आलू से लेकर तमाम फसलों को जैविक तरीके से तैयार किया जाता है. इन फसलों में केमिकल फर्टिलाइजर का प्रयोग ना के बराबर होता है बल्कि जैविक तरीके से तैयार किया हुआ खाद ही डाला जाता है. कुल मिलाकर शिशुपाल सिंह का कृषि मॉडल आज लाखों किसानों के लिए एक नजीर से कम नहीं है.
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