Taj Mahal Controversy: जयपुर राजघराने के अंतिम महाराजा मानसिंह द्वितीय की पोती और राजस्थान के राजसमंद से भारतीय जनता पार्टी की सांसद दीया कुमारी ने बुधवार को दावा किया था कि आगरा में जिस जमीन पर ताजमहल बना है. उस जमीन पर तत्कालीन जयपुर शाही परिवार का महल था. जिसे मुगल सम्राट शाहजहां ने कब्जा कर ताजमहल बनवाया था. दीया के इस दावे पर देश में नई बहस छिड़ गई है. इतिहासकार इस दावे को आधा सच बताते हुए बोल रहे हैं कि दस्तावेज के आधार पर ताजमहल के लिए जमीन खरीदी गई थी.


क्या कहते हैं इतिहासकार
इतिहासकार राणा सफवी ने ट्विटर पर शाहजहां से लेकर राजा जय सिंह तक के फरमान (शाही आदेश) की प्रतियां साझा करते हुए लिखा कि ताजमहल के लिए जमीन के बदले में जय सिंह को चार हवेलियां दी गई. उन्होंने लिखा, "जहां राजा जय सिंह मुफ्त में जमीन दान करने को तैयार थे. वहीं शाहजहां ने राजा मान सिंह की हवेली के बदले चार हवेलियां दीं. यह फरमान सिटी पैलेस संग्रहालय में बंद है."


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सफवी ने WE Begley और ZA Desai द्वारा संपादित "ताजमहल - द इल्यूमिनेड टॉम्ब" पुस्तक से फरमान की प्रतियां साझा की. "अकबर: द ग्रेट मुगल" पुस्तक की लेखक और इतिहासकार इरा को 'बीजेपी सांसद दीया कुमारी के इन दावों को सुनकर निराशा हुई. उनका मानना है कि शाहजहां द्वारा इस शातिर तरीके से जमीन छीने जाने का सवाल ही नहीं उठता.


दीया कुमारी का ताजमहल पर दावा
दीया ने बुधवार को जयपुर में मीडिया को बताया कि ऐतिहासिक रूप से जिस भूखंड पर ताजमहल बनाया गया था. वह जयपुर शाही परिवार का था और परिवार के पास इसके दस्तावेज हैं. मुगल बादशाह शाहजहां ने इस पर कब्जा कर लिया था, क्योंकि उस वक्त उनकी (मुगल) सरकार थी. अगर कोई सरकार आपसे जमीन लेती है, तो वह आपको मुआवजा देती है लेकिन मैंने सुना है कि इस मामले में मुगलों द्वारा कोई मुआवजा नहीं दिया गया था. उस वक्त ऐसा कोई कानून नहीं था जहां कोई अपील कर सकता था.




2017 में भी उठा था ताजमहल पर विवाद
वर्तमान विवाद नया नहीं है. इससे पहले वर्ष 2017 में भी ताजमहल का नाम बदलवाने की मांग की गई थी. तब बीजेपी नेता विनय कटियार ने ताजमहल का नाम बदलवाने की मांग की थी. उनका कहना था कि इसका निर्माण एक हिन्दू शासक ने किया था. उस दौरान ये विवाद काफ़ी चर्चा में आया और कई लोगों ने इसका समर्थन भी किया था.


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