आगरा में भीषण गर्मी से सूख रही यमुना नदी, घाटों और किनारों पर पानी कम होने से नजर आया खाली मैदान
Agra News: आगरा शहर की पानी की जरूरत को पूरा करने वाली यमुना नदी इन दिनों खुद अपने लिए पानी को तरस रही है. यमुना नदी में जलस्तर गिरता जा रहा है, जिसकी वजह से पानी की परेशानी सामने आ सकती है.

Agra Kalindi River News: दशहरा के अवसर पर आस्था की डुबकी कैसे लगेगी क्योंकि कालिंद्री नदी में इन दिनों पानी बेहद कम है. हमेशा बहने वाली यमुना नदी को इन दिनों खुद पानी को तरस रही है. विशाल स्वरूप वाली यमुना नदी अब खाली मैदान जेसी नजर आ रही है. भीषण गर्मी के बीच पानी की मांग और जरूरत बढ़ जाती है. सभी क्षेत्रों में पानी की डिमांड में इजाफा हो जाता है. गर्मी में पानी की अधिक मांग हो रही है पर पानी के स्त्रोत सूखते जा रहे है. नदियों में पानी का जलस्तर गिरता जा रहा है, घाट और किनारे सुख रहे हैं. जो नदी कभी पानी से लबालब बहती थी आज एक सूखा मैदान सा नजर आ रही है.
आगरा से होकर बहने वाली यमुना नदी इन दिनों पानी को तरस रही है. यमुना नदी में पानी स्तर बेहद निचले स्तर पर नजर आ रहा है. यमुना नदी की ओर नजर उठाकर देखने पर लगता है कि ये नदी नहीं बल्कि कोई सूखा सा मैदान है. आगरा शहर की पानी की जरूरत को पूरा करने वाली यमुना नदी इन दिनों खुद अपने लिए पानी को तरस रही है. यमुना नदी में जलस्तर गिरता जा रहा है, जिसकी वजह से पानी की परेशानी सामने आ सकती है.
दावे किए जाते हैं लेकिन नहीं बदलती युमना नदी की हालत
दशहरा का मौका है और दशहरा पर लोग नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं पर अब बिन पानी आस्था की डुबकी कैसी लगेगी. जिस नदी में पानी की धार बहती नजर आती थी वो आज पानी को तरस रही है. वर्षो से आगरा शहर की प्यास बुझा रही यमुना नदी की पुकार को आखिर कौन सुनेगा. कब यमुना नदी में पानी का बहाव होगा और फिर से यमुना नदी पानी से लबालब नजर आएगी. यमुना नदी की प्यास कैसे बुझेगी. यमुना नदी केवल पानी की जरूरत के लिए ही नहीं बल्कि धार्मिक मान्यताओं के लिए भी जानी जाती है. यमुना नदी में आस्था रखने वाले लोग यमुना की इस हालत से दुखी नजर आते हैं. लगातार यमुना नदी को लेकर बड़े दावे किए जाते हैं पर यमुना नदी की हालत नहीं बदलती.
पानी को तरस रही यमुना नदी
आगरा से होकर बहने वाली यमुना नदी इन दिनों खुद पानी को तरस रही है. यमुना नदी सूख रही है. यमुना के घाट और किनारे सुख गए हैं. यमुना में पानी की केवल एक धार सी नजर आती है, जबकि विशालकाय स्वरूप वाली यमुना नदी सुखा मैदान बनकर रह गई है. यमुना नदी पानी की जरूरत को तो पूरा करती ही है साथ ही धार्मिक आस्था का भी केंद्र है और इसके साथ ही विश्वदाई इमारत ताजमहल के लिए भी जरूरी है. यमुना नदी का जल सभी के लिए जरूरी है. धार्मिक आस्था के लिहाज से लोग यमुना के पानी में आस्था की डुबकी डुबकी लगाकर अपनी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं तो वहीं यमुना का पानी ताजमहल के लिए भी जरूरी बताया जाता है. यमुना नदी अपने वास्तविक स्वरूप में कब तक लौटेंगे ये आने वाला वक्त ही बताएगा.
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