उत्तर प्रदेश के आगरा में दो भाइयों के बीच झगड़े की खबर मिलने पर गांव में पहुंचे एक दरोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. गोली सीधे एसआई प्रशांत यादव की गर्दन पर लगी. गोली लगने से प्रशांत की मौके पर ही मौत हो गई. आरोपी गोली मारकर फरार हो गए. घटना के बाद आलाधिकारी और कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर मौके पर पहुंच गई. ये घटना नाहर्रा गांव के थाना खंदौली क्षेत्र की है.


आगरा के एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि बुधवार सुबह खंदौली के नहर्रा गांव में शिवनाथ सिंह का अपने छोटे भाई विश्वनाथ सिंह से आलू खुदाई को लेकर विवाद हो गया. मामला पुलिस तक पहुंचा और दरोगा प्रशांत यादव मौके पर पहुंचे और उनकी मौजूदगी में आलू की खुदाई हुई. शाम सात बजे विश्वनाथ सिंह ने हंगामा शुरू कर दिया, जिस पर पुलिस ने विश्वनाथ को हंगामा करने पर पकड़ लिया और अपने साथ लेकर थाने आने लगी. विश्वनाथ के पास तमंचा था और उसने तमंचे से दरोगा प्रशांत यादव को गोली मार दी. प्रशांत यादव बुलंद शहर की तहसील खुर्जा के निवासी बताए गए हैं.


परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद
इस बीच लखनऊ में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद आगरा की घटना में उपनिरीक्षक प्रशान्त यादव की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है. उन्होंने घटना में जान गंवाने वाले उप निरीक्षक के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है.
उन्होंने पुलिसकर्मी के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और जनपद की एक सड़क का नामकरण उनके नाम पर करने की भी घोषणा की है.


प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने उपनिरीक्षक के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उप निरीक्षक के परिवार को हर सम्भव मदद प्रदान करगी.


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