नशीली और प्रतिबंधित दवाइयों का बड़ा जखीरा बरामद, कई राज्यों में फैला है नेटवर्क
पंकज गुप्ता अपने गिरोह के जरिए ऐसी प्रतिबंधित दवाइयों की भी तस्करी करता है जिसका इस्तेमाल आतंकवादी भी करते हैं. उस दवाई का नाम है ट्रेमा डोल हाइड्रोक्लोराइड.
आगरा: यूपी के आगरा में दवाइयों की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी आज ख़त्म हो चुकी है. 19 दिसम्बर से आगरा के बल्केश्वर में शुरू हुई छापेमारी आज जाकर खत्म हो गई है. ड्रग एवं औषधि विभाग और आगरा पुलिस ने मिलकर इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है. फरार अंतरराज्यीय दवा तस्कर पंकज उर्फ चंद्रकांत गुप्ता न केवल घर में नशे की दवाइयां तैयार कर रहा था बल्कि सरकारी दवाइयों को भी बेच रहा था. वह मध्य प्रदेश के ग्वालियर और भोपाल से सरकारी दवाइयां मंगाता था. सरकारी सिस्टम में उसने सेंध लगा रखी थी. इन दवाइयों की फिर से पैकिंग कर बाजार में सप्लाई करता था. यह जानकारी उसके बेटे अमन गुप्ता से पूछताछ में मिली है.
अभी हाल ही में दवाइयों से भरा ऑटो पकड़ा गया था. इसकी जांच हुई तो पता चला कि ये सरकारी दवाइयां हैं, पैकिंग बदली गई है. पंकज गुप्ता के घर से इन दवाइयों के बिल मिले. मिलान करने पर पता चला कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर और भोपाल के अस्पतालों की दवाइयों की फिर से पैकिंग की गई है.
पंकज ने पांच साल में खड़ा कर लिया नशे की दवाओं का सम्राज्य
ड्रग तस्कर पंकज के बेटे अमन और भाई सूर्यकांत से पूछताछ में पता चला कि पंकज पांच साल पहले दवा कंपनी के लिए दवा सप्लाई का काम करता था. उसने मेडिकल स्टोर खोला. इसके बाद मानसिक रोग की दवाइयों को नशे के लिए बेचने लगा. पहले वह आगरा गैंग के विक्की अरोड़ा के लिए काम करता था. विक्की अरोड़ा भी कमला नगर का है. उसने ही आगरा गैंग खड़ा किया जो पंजाब में नशे की दवाएं सप्लाई करता है. इसके बाद पंकज के संबंध प्रमोद जयपुरिया से हो गए. प्रमोद जयपुरिया के जेल चले जाने के बाद पंकज गुप्ता ने अपना अलग काम करना शुरु कर दिया. धीरे-धीरे नशीली और प्रतिबन्ध दवाइयों की खेप कई सारे राज्यों में खपाना शुरू कर दिया.
पंकज गुप्ता का असली नाम चंद्रकांत गुप्ता है लेकिन जांच में पता चला है कि वह इस गोरखधंधे को नाम बदल बदलकर अंजाम दे रहा था. जांच में यह भी पता चला है कि उसका नेटवर्क देश के 6 राज्यों में फैला था, जिसमें उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और देश की राजधानी दिल्ली शामिल है. जांच में पुलिस को यह भी पता चला है कि ट्रकों में चने की दाल के बोरों में इन दवाइयों की सप्लाई एक जगह से दूसरी जगह की जाती थी. वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की जाने वाली दवाइयों कि बड़ी मात्रा उसके घर से बरामद हुई है.
अबॉर्शन में काम आने वाली दवाइयों का बड़ा ज़ख़ीरा बरामद
इस छापे के दौरान कई सारे चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं. पंकज गुप्ता अपने गिरोह के जरिए ऐसी प्रतिबंधित दवाइयों की भी तस्करी करता है जिसका इस्तेमाल आतंकवादी भी करते हैं. उस दवाई का नाम है ट्रेमा डोल हाइड्रोक्लोराइड. भारत सरकार समेत दुनिया के कई देशों ने इस दवाई को बैन के रखा है. वहीं अबॉर्शन में काम आने वाली दवाइयों का बड़ा ज़ख़ीरा भी बरामद हुआ है.
ड्रग एवं औषधि विभाग के इंस्पेक्टर नरेश मोहन दीपक के मुताबिक करीब 5 करोड़ से ज्यादा की दवाइयों का जखीरा बरामद हुआ है, जो अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. थाना कमला नगर में 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है जिसमें 7 लोग गिरफ्तार हैं. वहीं मास्टर माइंड पंकज गुप्ता समेत 7 लोगों को ड्रग विभाग और पुलिस को सरगर्मी से तलाश है.
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