UP Lok Sabha Elections 2024: आगरा लोकसभा सीट का एक बड़ा इतिहास रहा है. आगरा लोकसभा सीट ब्रज क्षेत्र में आती है. ब्रज क्षेत्र में आने वाली लोकसभा सीट आगरा पर सब की निगाहें रहती हैं. क्योंकि यहां की सीट पर आने वाले परिणाम आगे के चुनाव पर भी असर डालते हैं. ताजनगरी नाम से दुनियाभर में मशहूर आगरा को सियासी नजरिए से बेहद अहम माना जाता है.


आगरा लोकसभा सीट बेहद अहम मानी जाती है. क्योंकि आगरा पर निगाहें लखनऊ और दिल्ली तक की टिकी रहती है. आगरा लोकसभा सीट पर कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं. यहां की सियासी हवाएं बदलती रहती हैं, लेकिन पिछले लंबे समय से एक ही दल को मौका दिया जा रहा है.


यानी यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आगरा की जनता जिसे दिल से पसंद करती है उसे सिर-आंखों पर बैठाती है और जिसे पसंद नहीं करती उसे हार का मुंह दिखा देती है. आगरा की बुद्धिजीवी जनता ने एक ही प्रत्याशी को लगातार कई बार चुनकर सदन भेजा है. यही कारण है कि एक दल के नेता यहां से लगातार पांच बार, तीन बार और लगातार दो बार सांसद चुने गए हैं. आगरा की जनता जिसे पसंद करती है उसे भरपूर प्यार देती है और लगातार सदन की दहलीज तक पंहुचा देती है.


आगरा की जनता ने बाहर से आने वाले प्रत्याशी नेताओं पर भी भरपूर प्यार लुटाया है. स्थानीय नेताओं के साथ-साथ बाहर से आए नेताओं को भी आगरा की जनता ने मौका दिया है. अब फिर से सियासी हवाएं चलने लगी है. आने वाले दिनों में देखना होगा की आगरा की जनता अब किसे अपना प्यार देती है. क्या आगरा की बुद्धिजीवी जनता पिछले तीन चुनाव जैसा नजारा दिखाएगी. फिर किसी अन्य दल या नेता को मौका देगी.


आगरा की जनता संसद की चुनाव करने में माहिर


आगरा लोकसभा सीट से कांग्रेस की बात करें या बीजेपी की या फिर समाजवादी पार्टी की तो आगरा की जनता ने कई ऐसे नेता चुने हैं, जिन्हें लगातार कई कई बार मौका दिया है. एक नेता तो ऐसे हैं जो लगातार पांच बार चुनाव जीते हैं तो कुछ ऐसे हैं जिनको आगरा की जनता ने हैट्रिक लगवाई है. जिन्हें पसंद किया उन्हें भरपूर प्यार दिया और यही वजह है की सभी दलों की बड़े-बड़े नेता आगरा में जनसभाएं और रैली करने आते हैं. चुनावी सभाओं में जनता से खूब सारे वादे किए जाते हैं. जनता को लुभाने की सियासी कोशिश की जाती है, लेकिन आगरा की जनता बुद्धिजीवी है जो अपने संसद सदस्य का चुनाव करने में माहिर है.


आगरा सीट से कांग्रेस नेता पांच बार बने संसद


कांग्रेस, बीजेपी या समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को आगरा की जनता ने एक बार से अधिक मौका दिया है, जबकि बसपा की झोली आगरा लोकसभा से खाली है. आगरा की जनता ने एक नेताओं को जो पांच बार लगातार चुनाव जिताये हैं. आगरा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा बार सांसद चुने जाने का रिकॉर्ड कांग्रेस के सेठ अचल सिंह के नाम पर दर्ज है. कांग्रेस के सेठ अचल सिंह ने आगरा से लगातार पांच बार जीत दर्ज की है. कांग्रेस के सेठ अचल सिंह सन 1952 , 1957 , 1962 , 1967 और 1971 के लोकसभा चुनाव में लगातार पांच बार जीते थे. आगरा की जनता ने कांग्रेस के सेठ अचल सिंह को भरपूर प्यार दिया और लगातार पांच बार संसद पहुंचाया.


कांग्रेस के बाद बीजेपी का रहा कब्जा


सन 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के शम्भू नाथ चतुर्वेदी ने जीत दर्ज की और यह सीट कांग्रेस के हाथ से चली गई. सन 1980 और सन 1984 की लोकसभा चुनाव में आगरा की लोकसभा सीट पर फिर से एक बार कांग्रेस का कब्जा हुआ और निहाल सिंह लगातार दो बार चुनाव जीते. सन 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में बाजी पलट गई और आगरा लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा हो गया. सन 1991 सन 1996 और 1998 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के भगवान शंकर रावत ने लगातार तीन बार जीत दर्ज की और आगरा की सीट पर बीजेपी का कब्जा बनाए रखा.


राज बब्बर का चला जादू 


आगरा लोकसभा सीट का समीकरण एक बार फिर से बदला. यह समीकरण तब बदला जब समाजवादी पार्टी ने सिने अभिनेता राज बब्बर को चुनावी मैदान में उतारा, सन 1999 में समाजवादी पार्टी ने सिने अभिनेता राज बब्बर को आगरा लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया और आगरा लोकसभा सीट पर राज बब्बर का जादू खूब चला. सपा प्रत्याशी के रूप में राज बब्बर ने आगरा की राजनीति को बदल दिया और आगरा लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा किया. यही नजारा 2004 में भी देखने को मिला जब एक बार फिर से समाजवादी पार्टी ने राज बब्बर को ही आगरा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया और राज बब्बर ने अपने जादू को बरकरार रखते हुए 2004 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर लगातार दो बार आगरा सीट को समाजवादी पार्टी के खाते में दिया.


बीजेपी का विजय रथ जारी 


2009 के लोकसभा चुनाव में सियासी समीकरण एक बार फिर से बदला और आगरा लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा हुआ. 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राम शंकर कठेरिया चुनाव जीते इसके साथ ही 2014 के लोकसभा चुनाव में जब कहा जाता था कि मोदी लहर है तो लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी के ही राम शंकर कठेरिया ने दूसरी बात जीत दर्ज की. 2019 के लोकसभा चुनाव आते-आते बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदल दिया.


2019 के लोकसभा चुनाव में सिटिंग सांसद रामशंकर कठेरिया को हटाकर एसपी सिंह बघेल को आगरा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के एसपी सिंह बघेल ने जीत हासिल. पिछले लगातार तीन चुनाव से आगरा लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. पिछले लगातार तीन चुनाव से बीजेपी का विजय रथ लगातार चल रहा है. विपक्षी अभी तक इस विजय रथ को रोकने में नाकाम रहे हैं. पिछले लगातार तीन चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने आगरा लोकसभा सीट से हैट्रिक लगाई है.


बीजेपी के साथ नजर आई आगरा की जनता 


आगरा लोकसभा सीट को अगर विधानसभा के नजरिए से देखें तो आगरा लोकसभा सीट पर पांच विधानसभा सीट आती हैं, जिसमें एक विधानसभा सीट एटा जनपद की भी है. पिछले चुनाव के आधार पर अगर बात करें तो आगरा की जनता लगातार बीजेपी के साथ खड़ी नजर आई है और यहां से बीजेपी प्रत्याशी को जीत हासिल हुई है. चुनाव के परिणाम के आधार पर कह सकते हैं कि आगरा की जनता बीजेपी के साथ नजर आयी है. 


पांचों विधानसभा पर बीजेपी का कब्जा 


ये हैं आगरा लोकसभा सीट के 5 विधानसभा, एत्मादपुर विधानसभा , आगरा दक्षिण विधानसभा , आगरा उत्तर विधानसभा , आगरा छावनी विधानसभा और एटा जनपद की जलेसर विधानसभा. आगरा लोकसभा सीट के नजरिए से आने वाली पांचों विधानसभाओं पर बीजेपी का कब्जा है. आगरा एत्मादपुर विधानसभा पर लगातार दो बार से बीजेपी का कब्जा है. आगरा दक्षिण विधानसभा पर लगातार तीन बार से बीजेपी का कब्जा है और यहां से योगेंद्र उपाध्याय लगातार तीन बार विधायक के विधायक हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं. वहीं आगरा की उत्तर विधानसभा को बीजेपी की पारंपरिक माना जाता है. क्योंकि पिछले लंबे अरसे से आगरा उत्तर विधानसभा पर बीजेपी का कब्जा है. आगरा एत्मादपुर से बीजेपी के धर्मपाल सिंह विधायक हैं. आगरा उत्तर से पुरुषोत्तम खंडेलवाल बीजेपी के विधायक हैं. आगरा छावनी से जीएस धर्मेश बीजेपी के विधायक हैं. 


10 फीसदी हैं मुस्लिम वोट 


आगरा लोकसभा सीट पर अगर कास्ट फैक्टर की बात करें तो आगरा लोकसभा पर कास्ट फैक्टर बड़ा असर डालता है. आगरा शहरी क्षेत्र की बात करें तो यहां वैश्य बाहुल्य माना जाता है. इसके साथ ही दलित वोट की संख्या भी बहुत अच्छी है. मुस्लिम वोट भी लोकसभा सीट पर आशा डालता है. आगरा लोकसभा सीट पर करीब 21% दलित वोट है तो वही 10% के करीब मुस्लिम वोट है.


यहां हैं 19 लाख से अधिक मतदाता 


आगरा लोकसभा सीट पर 19 लाख से अधिक मतदाता हैं, जो अपने संसद सदस्य का चुनाव करते हैं. पिछले चुनाव के अगर आंकड़े के अनुसार बात करें तो आगरा लोकसभा 2019 के चुनाव में बीजेपी को 56% से अधिक मत मिले थे. जबकि सपा और बसपा के गठबंधन को 38% के करीब वोट हासिल हुए थे और आगरा लोकसभा सीट पर 2019 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. विधानसभा विधानसभा चुनाव 2022 के नजरिए से अगर देखे तो आगरा जनपद से विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को 51% वोट मिले थे, जबकि समाजवादी पार्टी को 24% मत हासिल हुए थे और बसपा को करीब 20% वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को करीब दो प्रतिशत से कम वोट ही हासिल कर पाई थी.


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