Patalkot Express Train Fire: सेवानिवृत्त सेना अधिकारी यशपाल सिंह की सूझबूझ और होशियारी से बड़ा ट्रेन हादसा टल गया. पातालकोट एक्सप्रेस के हजारों यात्रियों की जिंदगी यशपाल सिंह की सतर्कता से बच गई. गेटमैन के पद पर तैनात यशपाल सिंह फरिश्ता बनकर सामने आए. 25 अक्टूबर दिन बुधवार दोपहर को पंजाब से पातालकोट एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के सिवनी जा रही थी. आगरा से 10 किलोमीटर दूर ट्रेन की दो बोगियों में अचानक आग लग गई. गेटमैन यशपाल सिंह भंडई स्टेशन के पास रेलवे क्रॉसिंग पर तैनात थे. उन्होंने ट्रेन के डिब्बों से धुआं निकलते देखा. मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को ट्रेन की बोगियों में आग लगने की सूचना दी.


गेटमैन की सूझबूझ से टला बड़ा ट्रेन हादसा


भंडई के स्टेशन उप अधीक्षक ने जानकारी कंट्रोल रूम को दी. ट्रेन नियंत्रक ने तुरंत ओवर हेड इक्विपमेंट प्रभारी को अप और डाउन दिशा में सभी ट्रेनों की बिजली आपूर्ति बंद करने का निर्देश देने के साथ सभी ट्रेनों को संबंधित स्थानों पर रोकने को कहा. तब तक पातालकोट एक्सप्रेस भांडई स्टेशन को पार कर चुकी थी. 10 मिनट के भीतर, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और सेल्फ प्रोपेल्ड एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन को मौके पर पहुंचने के लिए कहा गया. आगरा मंडल में तैनात एक सूत्र ने बताया कि आग पहले दो डिब्बों के बाद तीसरे और चौथे को चपेट में ले चुकी थी.


अग्निकांड में स्वाहा हो सकती थीं जिंदगियां


पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन को दोपहर 3.37 बजे रोका गया. रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने समय रहते यात्रियों को बोगियों से बाहर निकाला. शाम 5.10 बजे तक आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया. हालांकि 11 यात्री मामूली रूप से झुलस गए. लेकिन गनीमत है कि बड़ा ट्रेन हादसा होने से टल गया. आग लगने की वजह से ट्रेन की दो बोगियां पूरी तरह जल गई हैं और दो बोगियों को मामूली क्षति हुई है. झुलसे यात्रियों को आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. गेटमैन यशपाल सिंह की सतर्कता से हजारों यात्रियों की जान बच गई. रेलवे के अधिकारी गेटमैन की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. 


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