Agra Marble Industry: आगरा का मार्बल उद्योग दुनियाभर में मशहूर, यहां की कारीगरी की विदेशों में रहती है डिमांड
UP News: आगरा का मार्बल उद्योग दुनिया भर में मशहूर है. लोग ताज महल के ऊपर लगे मार्बल के डिजाइन जैसे डिजाइन को अपने घरों तक ले जाना चाहते हैं. आगरा की कारीगरी की दुनिया दिवानी है.
Agra News: आगरा का मार्बल उद्योग दुनिया भर में मशहूर है. ताज नगरी संगमरमर इमारत ताजमहल के लिए विश्व विख्यात है और ताजमहल का दीदार करने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक आगरा आते है. मार्बल से बनी दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत ताजमहल पर बड़ी बारीक पक्षिकारी की गई है. ताजमहल के ऊपर मार्बल डिजाइन में स्टोन लगे है वैसे ही डिजाइन लोग अपने घरों तक ले जाना चाहते है. यही कारण है कि वर्षो से आगरा मार्बल उद्योग इस बारीक काम को कर रहा है जिसकी पूरी दुनिया दीवानी है.
हम आपको बताते हैं कि आखिर इतना सुंदर दिखने वाला ये काम कैसे होता है? ये स्टोन मार्बल में कैसे लगाए जाते है? मार्बल के पत्थर के ऊपर पहले बड़ी बारीकी से बहुत महीन डिजाइन तैयार की जाती है, हाथो से कारीगर बड़े ध्यान और आराम से छोटी छोटी डिजाइन को उकेरता है और जब डिजाइन तैयार हो जाती है तो फिर उस डिजाइन के आकार के हिसाब का स्टोन तैयार किया जाता है. बेहद ही बारीकी से मार्बल में सेट किया जाता है. मार्बल में अलग अलग रंग के स्टोन लगाए जाते है जिससे उसकी खूबसूरती और अच्छी हो जाती है.
मार्बल के काम को आज भी कारीगर हाथो से ही करते है क्योंकि ये बड़ा बारीक काम है जिसे पूरा ध्यान लगाकर किया जाता है. कड़ी मेहनत के बाद डिजाइनदार मार्बल तैयार होता है जिसे लोग अपने आशियाने में सजाने के लिए लेकर जाते है. वर्तमान में आगरा के मार्बल उद्योग का हालत स्थिर है और काम ठीक ठाक चल रहा है.
व्यापारियों ने की GST कम करने की मांग
आगरा के मार्बल उद्योग से जुड़े व्यापारी बताते हैं कि मार्बल उद्योग की डिमांड बहुत रहती है, खास तौर से विदेशी पर्यटक मार्बल की डिजाइन को लेकर जाता है. वर्तमान में इस उद्योग पर 12 प्रतिशत जीएसटी लग रहा है जो अधिक है, सरकार मार्बल उद्योग पर लगे जीएसटी को कम करें जिससे मार्बल उद्योग को गति मिलेगी. महामारी के समय में उद्योग पूरी तरह से ठप हो गया था, मार्बल उद्योग का काम लगभग बंद हो गया था, अब जाकर धीरे धीरे काम आगे बढ़ता जा रहा है. सरकार हमारे लोन की सुविधा करें और जीएसटी में राहत दे. जिससे व्यापारी फिर से उसी गति के साथ काम कर सकें.
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