Agra Merchant Navi Engineer: आगरा के एक पीड़ित परिवार की ठहरी हुई आंखों में आंसू की धार बंध आई, जब मर्चेंट नेवी इंजिनियर का पार्थिव शरीर 25 दिन के बाद घर पहुंचा. पराई धरती पर मर्चेंट नेवी इंजीनियर का पार्थिव शरीर रखा रहा और कई दिनों तक कागजी कार्यवाही चलती रही. आखिर सरकार के दखल के बाद चीन से पार्थिव शरीर आगरा पहुंचा.


आखिरी बार चेहरा देखने को आस में पत्नी, बुजुर्ग मां और बच्चों के आंसू ठहर गए थे पर जैसे आज शव घर पहुंचा तो परिजनों की आंखों से आंसू की धारा रुक नहीं रही है. मृत्यु होने जाने की खबर 25 दिन पहले मिल गई थी पर आखिरी बार चेहरा देखने की आस में परिजन दुखी थे.


25 दिन बाद मिला शव 


आगरा के एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. पत्नी, बच्चे और बुजुर्ग मां घर में रो रहे हैं. क्योंकि घर के बेटे का पार्थिव शरीर तक नहीं मिल पा रहा था. पत्नी लगातार एंबेसी से गुहार लगा रही थी, भागदौड़ कर रही थीं पर पार्थिव शरीर नहीं मिल पा रहा था. मौत हुए करीब 25 दिन बीत गए उसके बाद शव परिवार को मिला और आखिरी बार चेहरा देखा.


ड्यूटी के दौरन हुई थी मौत 


आगरा के शाहगंज क्षेत्र निवासी अनिल कुमार मर्चेंट नेवी में इंजीनियर पद कार्यरत थे. अनिल कुमार एम वी जी एच नाइटिंगेल कंपनी में मुख्य अभियंता के पद तैनात थे. परिवार को 12 जून को सूचना मिली कि अचानक हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई. बताया गया कि उनका जहाज हाइड्रो किंग के लिए चीन के झेजियांग प्रांत झोउ सोंग शहर था  11/12 जून की देर रात्रि को अचानक तबीयत खराब हुई तो अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.


पीएम मोदी से लगाई थीं गुहार 


सूचना पर बताया कि अनिल कुमार अपने जहाज पर थे उसी दौरान तबीयत खराब हुई और सीने में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लगातार पत्नी लैपटॉप पर बैठी रहती थीं और पीएम मोदी, विदेश मंत्रालय, एंबेसी सहित जिम्मेदार लोगों से गुहार लगा रही थीं कि पति का शव वापस दिला दो, जिसके बाद सरकार के दखल के बाद चीन से शव आगरा पहुंचा. 


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