Agra Anguri Bagh News: आगरा कभी मुगलिया सल्तनत की राजधानी रहा है. अकबर के बाद मुगल बादशाह जहांगीर ने आगरा किले में कई निर्माण कार्य कराए. कश्मीर से मिट्टी मंगवाकर जहांगीर ने अंगूरों की पौध उगाई थी. आगरा किले के खास महल के सामने मुगलिया बाग बनाया और नाम दिया गया 'अंगूरी बाग'. वक्त बदला और वक्त बदलने के साथ अंगूरी बाग की पहचान जाती रही. मगर अब एक बार फिर भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) की पहल से अंगूरी बाग मुगलिया रंगत में दिखाई देने लगा है. 


कश्मीर से मिट्टी मंगवाकर जहांगीर ने उगवाई थी अंगूर की पौध


बताते हैं कि जहांगीर को कश्मीर से बेहद लगाव था. मुगल बादशाह जहांगीर कश्मीर में खूब वक्त बिताता था. जहांगीर को कश्मीर के सेब और अंगूरों के बाग बेहद पसंद थे. शायद यही वजह थी कि उसने आगरा किले में भी कश्मीर के पेड़ और पौधे उगाने की योजना बनाई. कश्मीर से मिट्टी मंगवाकर बाग में अंगूर की बेल उगवाईं गईं. नाम दिया गया अंगूरी बाग. इसे खास महल के सामने लगवाया गया था. मगर वक्त बदला और हालात भी बदल गए. कहते हैं अंगूरी बाग को अंग्रेजों के शासनकाल में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा और फिर धीरे धीरे अपना स्वरूप खोता चला गया.


Bareilly News: दरगाह आला हजरत ने कन्हैया लाल के हत्यारों के खिलाफ जारी किया फतवा, प्रवक्ता ने कही ये बड़ी बात


एएसआई की पहल से मुगलिया रंगत में लौटा बाग का स्वरूप


इसी अंगूरी बाग को पुराना स्वरूप देने के लिए एएसआई ने पहल की है. एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल बताते हैं कि खास महल के सामने अंगूरी बाग में संरक्षण कार्य किया जा रहा है. यहां पर अंगूरों की बेल के लिए रेड स्टोन जालियां लगवाईं गईं हैं. यह जालियां लगभग वैसी ही हैं जैसीं पहले लगीं थीं. पहले चरण में 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है. इसकी लागत करीब 30 लाख रुपए है. कोशिश यही है कि अंगूरी बाग एक बार फिर अपनी पुरानी मुगलिया रंगत में लौट आये ताकि लाल किले को देखने आने वाला पर्यटक इस अंगूरी बाग को पसंद कर सके.


Raj Babbar: राज बब्बर को एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा, 1996 में दर्ज हुई थी FIR