Agra News: आगरा का 'दूसरा ताज महल', सफेद मार्बल की बेदाग इमारत, करीब 104 साल में बनकर हुआ तैयार
UP News: आगरा आने वाले पर्यटक अब एक और सफेद मार्बल की इमारत का दीदार करना पसंद कर रहे है. सफेद मार्बल से बनकर तैयार हुई इमारत बेहद खास नजर आती है.इमारत को बनने में करीब 104 साल लगे हैं.
Agra News: आगरा आने वाले पर्यटक ताजमहल का दीदार करते है क्योंकि जैसे ही आगरा का नाम आता है तो सामने तस्वीर ताजमहल की बन जाती है. पर्यटकों की पहली पसंद ताजमहल रहता है इसके साथ ही आगरा आने वाले पर्यटक अब एक और सफेद मार्बल की इमारत का दीदार करना पसंद कर रहे है. सफेद मार्बल से बनकर तैयार हुई इमारत बेहद खास नजर आती है.
यही वजह है कि अब लोग ताजमहल की तुलना इस सफेद मार्बल की इमारत से कर रहे है. करीब 104 साल में बनकर तैयार हुई इमारत राजस्थान के वाइट मकराना मार्बल से तैयार हुई है, जो अब ताजमहल का प्रतिद्वंदी के रूप में चर्चाओं में है. यह इमारत ताजमहल से करीब 12 किलोमटर दूरी पर स्वामी बाग पर स्थित है. राधास्वामी संप्रदाय के संस्थापक की नवनिर्मित समाधि स्थल इमारत सफेद मार्बल से तैयार हुई है. एक बड़े अंतराल में बनकर तैयार हुई है, जो अब लोगो की पसंद बनती जा रही है. अब लोग चर्चा करने लगे है कि स्वामी बाग ताजमहल का प्रतिद्वंदी के रूप में नजर आ रहा है.
सफेद मकराना मार्बल का किया गया प्रयोग
राधा स्वामी संप्रदाय के संथापक की समाधि स्थल का वाइट मार्बल से निर्माण कराया गया है. इस इमारत को बनाने में राजस्थान के सफेद मकराना मार्बल का प्रयोग किया है. बेदाग इमारत के रूप में स्वामी बाग की पहचान बनती जा रही है. यह इमारत ताजमहल से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है. आगरा आने वाले पर्यटक ताजमहल का दीदार करते है तो साथ अब स्वामी बाग भी पहुंचते है. धार्मिक पर्यटकों की संख्या यहां अच्छी रहतीं है और राधा स्वामी सत्संग से जुड़े लोगो में खासी मान्यता है. राधा स्वामी सत्संग से जुड़े लोगो की बड़ी मान्यता स्वामी बाग में है.
आगरा आने वाले पर्यटकों के लिए स्वामी बाग अब लोकप्रिय इमारत बनती जा रही है. पर्यटक जब आगरा आते है तो ताजमहल का दीदार करते है पर अब पर्यटकों में यह बेदाग इमारत लोकप्रिय होती जा रही है. अब लोगो में यह चर्चा करने होने लगी है कि यह स्वामी बाग इमारत ताजमहल का प्रतिद्वंदी है. राधा स्वामी सत्संग से जुड़े लोगो में खासी मान्यता है. एक धार्मिक स्थल के रूप स्वामी बाग की पहचान होती है. यह इमारत करीब 193 फूट ऊंची है जिसे राजस्थान के वाइट मकराना मार्बल से तैयार किया गया है.
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