यूपी में चंद रुपयों में बन रही थी BA,BSC, B.Com की डिग्री, STF ने किया रैकेट का खुलासा, धनेश मिश्रा अरेस्ट
धनेश मिश्रा ने बताया कि उसने सुभारती यूनिवर्सिटी, मंगलायतन यूनिवर्सिटी, सिक्किम ओपन बोर्ड और सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी जैसी संस्थाओं से एडमिशन कोड (फ्रेंचाइजी) लिया था.

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. एसटीएफ ने आगरा से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी मार्कशीट और शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाने और बेचने के अवैध धंधे में लिप्त था. यह गिरोह विभिन्न विश्वविद्यालयों और शिक्षा बोर्डों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर छात्रों से लाखों रुपये ठग रहा था.
गिरफ्तारी और बरामदगी
एसटीएफ की टीम ने 19 मार्च को आगरा के शाहगंज थाना क्षेत्र के अजीतनगर इलाके में छापेमारी कर धनेश मिश्रा नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया. वह आगरा में किराए की एक दुकान से यह अवैध धंधा चला रहा था.
गिरफ्तारी के दौरान एसटीएफ ने मौके से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और उपकरण बरामद किए. जिसमें 4 लैपटॉप ,942 फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र ,104 खाली प्रमाण पत्र ,182 हस्तलिखित उत्तर पुस्तिकाएं ,12 अन्य उत्तर पुस्तिकाएं , 4 डायरी, फीस रसीद बुक और लेटर पैड प्रिंटर, मोबाइल फोन, आधार कार्ड और विजिटिंग कार्ड शामिल है.
कैसे चल रहा था फर्जीवाड़ा?
पूछताछ में आरोपी धनेश मिश्रा ने बताया कि उसने सुभारती यूनिवर्सिटी, मंगलायतन यूनिवर्सिटी, सिक्किम ओपन बोर्ड और सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी जैसी संस्थाओं से एडमिशन कोड (फ्रेंचाइजी) लिया था. वह इन विश्वविद्यालयों के नाम पर असली और नकली, दोनों तरह के शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाकर बेचता था.
धनेश ने कबूल किया कि वह दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों से सेटिंग करके भी प्रमाण पत्र तैयार करवाता था. जो प्रमाण पत्र असली नहीं मिलते, उन्हें वह खुद तैयार करता था.
कितनी होती थी फीस?
धनेश मिश्रा ने बताया कि वह अलग-अलग कोर्स के लिए मोटी रकम वसूलता था.एमबीए के लिए ₹1.80 लाख से ₹2.40 लाख बीए/बीकॉम/बीएससी के लिए ₹25,000 से ₹40,000 और हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के लिए ₹15,000 से ₹25,000 रुपये लेता था.
पुलिस ने किया मामला दर्ज
गिरफ्तारी के बाद आरोपी के खिलाफ थाना शाहगंज, कमिश्नरेट आगरा में मुकदमा दर्ज किया गया है. उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4)/338/336(3)/340(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है. आगे की जांच जारी है और पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.
बढ़ रहा है फर्जी डिग्री रैकेट का खतरा
भारत में फर्जी डिग्री और मार्कशीट का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. पहले भी कई ऐसे गिरोह पकड़े गए हैं, जो बेरोजगार युवाओं को धोखा देकर नकली डिग्रियां बेच रहे थे. कई निजी विश्वविद्यालयों पर भी फर्जी डिग्री बांटने के आरोप लग चुके हैं. ऐसे मामलों को रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
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