Agra News: आगरा के ताजगंज से एक दुर्लभ घटना सामने आई है. दरअसल ताजगंज के गणगौरा गांव में एक खुले बोरवेल में फंसे एक मोर को बचाने के लिए वन्यजीव एसओएस पहुंचे. ऑन-साइट मेडिकल चेक-अप पर पक्षी को सुरक्षित रूप से वापस जंगल में छोड़ दिया गया. आगरा के गणगौरा गांव के निवासियों को 50 फीट गहरे खुले बोरवेल में फंसा एक मोर दिखाई दिया.


करीब एक घंटे में मोर को निकाला गया


फंसे हुए पक्षी को देखकर, संबंधित ग्रामीणों में से एक ने तुरंत वन्यजीव एसओएस टीम को 24 घंटे की बचाव हेल्पलाइन (91 9917109666) पर सूचित किया, जो संकट में शहरी वन्यजीवों को बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम करती है. सूचना पर एक आगरा में वन्यजीव एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट तेजी से स्थान पर पहुंच गई. दो सदस्यीय टीम को बोरवेल से मोर को सुरक्षित निकालने में करीब एक घंटे का समय लगा. एक साइट पर चिकित्सा परीक्षा आयोजित की गई, जिसके बाद पक्षी को फिट घोषित किया गया और उसे उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया.


वापस जंगल में छोड़ा गया


वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, "भारतीय मोर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची के तहत संरक्षित है. वन्यजीव एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट जानवरों के बचाव के लिए चौबीसों घंटे काम करती है."बैजू राज एमवी निदेशक-संरक्षण परियोजनाएं, वन्यजीव एसओएस ने कहा, "इस तरह के गहरे बोरवेल कभी-कभी जंगली जानवरों के जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं. इस मामले में हमारी बचाव टीम को यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी कि मोर को सुरक्षित रूप से निकाला गया था. हम भी चाहते हैं स्थानीय ग्रामीणों को धन्यवाद देने के लिए जिन्होंने तुरंत कार्रवाई की और हमारी हेल्पलाइन को सतर्क कर दिया."एनजीओ ने जौरा कटरा के गढ़ी राड्डू, देवरी रोड और गोपाल पुरा से दो और मोरों को बचाया.


ये भी पढ़े:-


Ballia News: नाले के निर्माण को लेकर इंजीनियर ने ठेकेदार को दिया अल्टीमेटम, कहा- 10 जून से पहले नहीं बना तो...


Aligarh News: प्रोफेसर ने कॉलेज के बगीचे में पढ़ी नमाज, अब अनिवार्य छुट्टी पर भेजा गया