Agra News Today: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मनरेगा बजट को लेकर सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला. उन्होंने कहा कि गांव से लोग पलायन कर रहे हैं, लेकिन सरकार लोगों की बेबसी पर ध्यान नहीं दे रही है.
सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने आरोप लगाया कि मनरेगा बजट में सरकार लगातार कटौती कर रही है, जिससे ग्रामीण अंचलों में रोजगार पर प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि जिस मनरेगा को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनाया गया था और बजट की व्यवस्था की गई थी, उस बजट को घटाया जा रहा है. नतीजतन गांव से लोग पलायन कर रहे है.
स्मार्ट गांव पर हो विचार
सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा, "सरकार स्मार्ट सिटी बनाने का दावा कर रही है. स्मार्ट सिटी बनाने का हम विरोध नहीं कर रहे हैं, पर स्मार्ट गांव के बारे में भी विचार करना चाहिए. गांव को आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए." उन्होंने कहा, "जब गांव से लोग पलायन करेंगे तो शहरों पर दबाव बढ़ेगा."
शुक्रवार (24 जनवरी) को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन ने आगरा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने मनरेगा बजट समेत कई मुद्दों पर सरकार निशाना साधा. रामजी लाल सुमन ने कहा कि 1 फरवरी को बजट पेश होने वाला है, ऐसे में हम सरकार से अपेक्षा भी है और मांग भी करते हैं कि मनरेगा के बजट में इजाफा किया जाए .
'मनरेगा बजट कम कर रही सरकार'
सपा नेता के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, "साल 2005 में मनरेगा को लागू किया गया था. मनरेगा का उद्देश्य था कि ग्रामीणों और श्रमिकों को उनके गांव में रोजगार मिले." उन्होंने कहा कि इसके तहत धीरे- धीरे मनरेगा का बजट बढ़ना चाहिए था, पर भारत सरकार लगातार मनरेगा के बजट को कम कर रही है.
रामजी लाल सुमन ने कहा कि साल 2021- 22 में मनरेगा के लिए 98 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जबकि 2022- 23 में बजट को कम करके 73 हजार करोड़ कर दिया और 2023- 24 में मनरेगा का बजट घटाकर महज 60 हजार करोड़ रुपये कर दिया. यह पिछले बजट से 32 फीसदी कम था.
रामजी लाल सुमन ने कहा कि जिस बजट को प्रतिवर्ष बढ़ाना चाहिए था, सरकार उस बजट को हर साल कम कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा ग्रामीण अंचल से पलायन रोकने की नहीं है. सरकार अपनी गलती को स्वीकार करे और आगामी बजट में मनरेगा का बजट बढ़ाए.
केंद्र पर लगाए उपेक्षा के आरोप
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत दी जाने वाली मजदूरी का जिक्र करते हुए राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा, "देश के अलग-अलग राज्यों में मनरेगा के तहत श्रमिकों को दो जाने वाली राशि अलग-अलग है." उन्होंने कहा, "यह राशि हरियाणा में प्रतिदिन 374 रुपये है जबकि उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को 237 रुपये प्रतिदिन दिए जा रहे हैं."
राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा, "अभी हाल ही में सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका की अध्यक्षता वाली ग्रामीण विकास व पंचायती राज से संबंधित स्थाई समिति की जो रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गई, उसमें कहा गया कि मनरेगा में श्रमिकों को कम भुगतान की समीक्षा होनी चाहिए." उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि सरकार की ग्रामीण अंचल की दशा और दिशा सुधारने की कोई मंशा नहीं है."
ये भी पढ़ें: यूपी में 100 टोल प्लाजा में करोड़ों का घोटाला! खुलासे के लिए NHAI ने दिए जांच के निर्देश