Taj Mahal:  ताजमहल के 22 कमरें मामले में याचिका दायर होने के बाद मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होनी थी. लेकिन वकीलों की हड़ताल की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी. अगली सुनवाई अब गुरुवार को होने की संभावना है. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की गई कि ताजमहल में बंद 22 कमरों को खुलवाया जाए, जिसके बाद आज इस मामले की सुनवाई होनी थी.


जब हिंदूवादी नेता ताजमहल पर लड्डू बांटने पहुंचे.


इसी के साथ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल याचिका के बाद सोमवार को हिंदूवादी नेता ताजमहल पर लड्डू बांटने पहुंचे. लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग पर हिंदूवादियों को रोक दिया. पुलिस तलाशी में उनके पास से मिठाई बरामद हुई. पुलिस ने हिंदूवादियों को बेरीकेडिंग से आगे नहीं बढ़ने दिया. हालांकि हिंदूवादी नेता संजय जाट समेत अन्य लोगों ने ये मामला कोर्ट में पहुंचने पर खुशी जताई कि अब कोर्ट के जरिए ये तय हो जायेगा कि ये ताजमहल है या तेजोमहालय.


Taj Mahal: ताजमल के बंद 22 कमरों को खोलने के लिए दायर हुई याचिका, कहा- इन्हें खुलवाकर ASI से जांच करवाई जाए


वहीं पश्चिमी गेट की तरफ दुकान करने वाले तमाम दुकानदारों का कहना है कि ताज से जितने विवाद जुड़ेंगे, उतना ही टूरिज्म ठप पड़ेगा. अभी कोरोना की वजह से पर्यटक नहीं आ रहे थे, लेकिन अब ताज विवादों में रहने लगेगा तो पर्यटन उद्योग पर फिर से असर पड़ेगा. क्योंकि कोई भी कहीं घूमने जाता है. तो इंजॉय चाहता है ना कि तनाव. 


क्या है पूरा मामला?


आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की गई कि ताजमहल में बंद 22 कमरों को खुलवाया जाए और ऐएसआई से इनकी जांच कराई जाए. याचिका में ये दावा भी किया गया कि ताज महल में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं. जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में बीजेपी के मीडिया प्रभारी की ओर से ताजमहल को लेकर ये याचिका दायर की गई है.


याचिकाकर्ता ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि, "मैंने एऐसआई से वालों से पूछा है कि ताजमहल में ये जो कमरों को बंद किया गया है इसका कारण क्या है? उन्होंने कहा कि मैंने मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर से भी पूछा कि इसका असल कारण क्या है जिसके जवाब में कहा गया कि सुरक्षा कारणों के चलते इन्हें बंद किया गया है."


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