UP News: उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की एक बड़ी लापरवाही फिर से सामने आई है. इस बार एक 70 साल की वृद्ध महिला को कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. दरअसल, 70 वर्षीय शांति देवी को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि वह अभी जिंदा हैं. मृत घोषित किए जाने की वजह से अब शांति देवी खुद को जीवित साबित करने के लिए बीते आठ सालों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं.
सरकारी कागजों पर मृत घोषित महिला शांति देवी ने दावा किया, "मृत घोषित किए जाने के बाद मेरी बेटी और दामाद ने मेरी पांच बीघा जमीन अपने नाम करा ली है." इस समस्या को लेकर 70 वर्षीय महिला शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस लगे जन शिकायत शिविर पर पहुंची थी. महिला मुजफ्फरनगर स्थित तंदेरा की रहने वाली हैं. उन्होंने एक बार फिर जन शिकायत शिविर में अधिकारियों ने गुहार लगाई कि उन्हें इसका प्रमाण पत्र दिया जाए कि वो जीवित हैं.
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बेटी और दामाद ने अपने नाम करा ली जमीन
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार - महिला ने शिकायत में बताया, "मेरे पति राम बाबू का निधन आठ साल पहले हो गया था. उनके पास 28 बीघा कृषि भूमि थी. इसमें से मैंने 23 बीघा जमीन अपनी बेटी के नाम कर दी और बाकी पांच बीघा जमीन के साथ ही घर अपने पास रखा था. लेकिन सरकारी कागजों में मृत घोषित किए जाने के बाद मेरी बेटी और दामाद ने पांच बीघा जमीन भी अपने नाम करा ली."
पीड़ित महिला ने बताय, "वे मुझे परेशान करते हैं और मुझे घर से निकाल देना चाहते हैं. वो मुझे खाना देने से मना करते हैं. मैं बीते आठ सालों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रही हूं लेकिन कोई सुने को तैयार नहीं है. मेरे पति के मरने के बाद उनके खाते में कुछ पैसा था वो भी बेटी और दामाद ने निकाल लिया है."
रिपोर्ट में शांति के हवाले से दावा किया गया कि गांव का पटवारी भी इस मामले में उनकी नहीं सुन रहा है. पीड़िता ने कहा, "पटवारी, दामाद से पैसा लेकर उसकी मदद कर रहा है. ये केस अभी तहसीलदार के पास पड़ा हुआ है." वहीं नायाब तहसीलदार ने रविवार को इस संबंध में कहा, "महिला पहली बार मेरे पास आई है और हमने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं."