आगरा (Agra) में फर्जी फ्लाइंग स्क्वायड (Flying Squad) पकड़ने का मामला सामने आया है. थाना इरादत नगर (Iradat Nagar Thana) के कुर्रा चित्तरपुर स्थित एक परीक्षा केंद्र में बोलेरो सवार फर्जी फ्लाइंग स्क्वायड पहुंचा और केंद्र व्यवस्थापक पर रौब गांठने लगा. शक होने पर केंद्र व्यवस्थापक द्वारा बुलाई गई पुलिस (Police) ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की तो चारों के चारों फर्जी निकले. पुलिस मुकदमा लिखकर आगे की वैधानिक कार्रवाई कर रही है.


कैसे हुआ शक
दरअसल, मामला कुर्रा चित्तरपुर स्थित मां वैष्णो देवी इंटर कॉलेज का है. जहां सुबह की पाली में बोलेरो कार से चार लोग पहुंचे. बोलेरो पर आगे की तरफ भारत सरकार और मजिस्ट्रेट लिखा हुआ था, वहीं पीछे की तरफ मजिस्ट्रेट और एनसीआरबी लिखा हुआ था. अपने आप को फ्लाइंग स्क्वायड बताते हुए केंद्र की ओर बढ़े, लेकिन शक होने पर कुछ सवाल पूछे गए. जिसमें एनसीआरबी की फुल फॉर्म क्या है, ये भी पूछा तो न बताने पर शक गहरा गया. आनन फानन में जिला विद्यालय निरीक्षक ने पुलिस को सूचना दी. फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर ठगी के लिए पहुंचे चारों की पुलिस ने डिटेल खंगाल ली है. जिसमें शमसाबाद के ठेरई निवासी रघुवीर सिंह तोमर, सैंया के कुकावर निवासी अशोक कुमार, खेरागढ़ के छाहरी निवासी मुकेश और ताजगंज के बसई खुर्द निवासी देवेंद्र कुमार हैं. 


क्या बोले व्यवस्थापक
पुलिस चारों फर्जी मजिस्ट्रेट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का काम कर रही है. केंद्र व्यवस्थापक घनश्याम दीक्षित के मुताबिक उनके साथ ना अर्दली था और ना ही पुलिस. गाड़ी और नेम प्लेट पर एनसीआरबी लिखे होने पर उसकी फुल फॉर्म पूछने पर वो बता नहीं सके. साथ ही कहां से आए हैं, इसका जवाब भी गोलमोल देने लगे. शक होने पर डीआईओएस को सूचना दी गई और वो भी थोड़ी देर में परीक्षा केंद्र पहुंच गए. पुलिस के पहुंचने पर चारों ने कबूला कि वो फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर आए थे.


क्या बोली पुलिस
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि पूरे आगरा जनपद में पुलिस सभी परीक्षा केंद्रों पर 24/7 सुरक्षा प्रदान कर रही है, तो सोमवार को दिन में माता वैष्णो देवी इंटर कॉलेज चार लोग नई बोलेरो गाडी जिसमें कोई नंबर प्लेट नहीं है. उसमें भारत सरकार जिला मजिस्ट्रेट और एनसीआरबी लिखा हुआ है. ऐसी गाड़ी से वहां पहुंचे और वहां उन्होंने स्ट्रोंग रुप खोलने के लिए कहा जो प्रश्न पत्र चेक करना चाह रहे थे. इस पर जो वहां पुलिस फोर्स तैनात थी उनके द्वारा रोका गया और केन्द्र व्यवस्थापक को सूचना दी गई. जब केन्द्र व्यवस्थापक वहां पर आए, मौके पर डीआईओएस पर आए. फिर उनसे पूछताछ शुरू की गई तो पूछताछ में सामने आया कि वो फर्जी हैं. जिसके बाद उन्हें थाने लाया गया और व्यवस्थापक द्वारा दी गई. तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है, जिनसे गहनता से पूछताछ की जा रही है.


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